गांधी-गोडसे पर बयानबाजी से नाराज आनंद महिंद्रा, बोले- एक दिन तालिबान बन जाएंगे
आनंद महिंद्रा (फोटो):भारत राजनीती
भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने के बाद सियासी घमासान मच गया। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने बयान पर नाराजगी जताई है। वहीं, कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष हमलावर है। कांग्रेस ने तो सोशल मीडिया प्रोफाइल में बापू की फोटो लगाकर भी भाजपा को घेरने की कोशिश की है। इस बीच उद्यमी आनंद महिंद्रा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताए जाने की आलोचना की है।
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘75 साल से भारत महात्मा की भूमि रहा है। वह एक मशाल की तरह हैं। दुनिया ने जब अपनी नैतिकता गंवा दी, हमें गरीबी में धकेल दिया गया, लेकिन तब भी हम अमीर थे क्योंकि हमारे पास बापू थे। उन्होंने दुनिया भर में अरबों लोगों को प्रेरित किया। प्रज्ञा का नाम लिए बिना या उनके बयान का संदर्भ दिए बिना उन्होंने कहा कि कुछ चीजों को हमेशा पवित्र रहने देना चाहिए। वरना हम, प्रेरित करने वाली या भरोसा देने वाली मूर्तियों को तबाह करते हुए एक दिन तालिबान बन जाएंगे।’ इस ट्वीट को कुछ ही घंटे में 6000 से ज्यादा बार रीट्वीट किया गया। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी इसे रीट्वीट किया।
भाजपा सांसद ने राजीव की तुलना गोडसे से की
कर्नाटक से भाजपा के सांसद नलिन कटील ने 1984 के सिख दंगों का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ‘नाथूराम गोडसे ने तो एक व्यक्ति को ही मारा, लेकिन पूर्व पीएम राजीव गांधी ने तो 17 हजार लोगों को मारा।’ हालांकि विवाद बढ़ने पर उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया।
हेगड़े ने पहले लिखा ‘नाथूराम को खुशी होती...’, फिर कहा-अकाउंट हुआ हैक
केंद्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने अपने ट्विटर अकाउंट से हुई पोस्ट ‘नाथूराम को खुशी होती...’ के लिए कहा है कि यह उन्हाेंने नहीं लिखा था। पोस्ट पर कड़ी आलोचना के बाद हेगड़े ने कहा- मेरा ट्विटर अकाउंट पिछले एक हफ्ते में दो बार हैक हुआ और टाइमलाइन पर कुछ ट्वीट पोस्ट किए गए। मैंने उन्हें डिलीट कर दिया है। गांधीजी की हत्या को न्यायोचित ठहराने का प्रश्न ही नहीं उठता। हम सभी गांधीजी के देश को योगदान का पूरा सम्मान करते हैं।’
यह पोस्ट की थी हेगड़े ने: ‘मुझ़े खुशी है कि सात दशक बाद आज की पीढ़ी एक बदली हुई सोच और वातावरण में बहस कर रही है। उन्हें सुने जाने का अवसर मिल रहा है जिनकी निंदा की गई। नाथूराम गोडसे को इस बहस से अंतत: खुशी होती।’
गॉड के लवर्स नहीं, गोडसे लवर्स
मुझे आखिरकार पता चल गया कि भाजपा और आरएसएस क्या हैं। वे गॉड के लवर्स नहीं बल्कि गोडसे लवर्स हैं। -राहुल गांधी
हिम्मत है तो प्रज्ञा को पार्टी से बाहर करो
प्रधानमंत्री में हिम्मत है तो प्रज्ञा को पार्टी से बाहर करने का साहस दिखाएं। चुनाव न होते तो भाजपा प्रज्ञा के इन बयानों के साथ खड़ी होती। -कमलनाथ, सीएम, मप्र
नेकर की तरह गोडसे भी संघ की पहचान
खाकी नेकर की तरह नाथूराम गोडसे भी आरएसएस की पहचान है। भाजपा प्रज्ञा को पार्टी से बाहर निकाले और राष्ट्र से माफी मांगे। -आजम खां, सपा नेता