चुनाव नतीजे आने से पहले ही सक्रिय हुई कांग्रेस, राहुल को लेकर बना रही ये रणनीति
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rahul gandhi (photo): bharat rajneeti |
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने यूपीए के सभी सहयोगी दलों के साथ अनौपचारिक बातचीत शुरू कर दी है। औपचारिक बैठक 23 मई को चुनावी नतीजे आने के बाद रखी गई है, जबकि इससे पहले 21 मई को भी यूपीए के कुछ नेता आपस में बातचीत करेंगे। केंद्र में अगर यूपीए-3 सत्ता में आता है तो उसमें यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की भूमिका अहम रहेगी। फिलहाल यूपीए के सहयोगी दलों और मित्रों को 23 मई की बैठक का निमंत्रण भेजा जा रहा है, वह सोनिया गांधी की ओर से भेजा गया है। यहां सहयोगी और मित्रों जैसे शब्द को परिभाषित करना जरूरी है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि सहयोगी का मतलब, जिन पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है, वे हमारे सहयोगी हैं। जो किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन कर या अकेले ही चुनाव मैदान में डटे हैं, वे हमारे मित्र हैं। इनमें मतभेद और मनभेद किसी के साथ नहीं हैं। यूपी में बसपा, सपा या पश्चिम बंगाल में टीएमसी कांग्रेस पार्टी के अच्छे मित्रों में शामिल हैं। केंद्र में यूपीए की सरकार बनाने के लिए इन पार्टियों से बातचीत की जाएगी।
राहुल गांधी ने खुद पीएम बनने से इन्कार नहीं किया, हर बार दिया ये जवाब ...
केंद्र में यूपीए-3 की सरकार बनने को लेकर कांग्रेस पार्टी काफी आशान्वित है। इस बार कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी पीएम बनें। इसके लिए सहयोगी दलों से बातचीत की जाएगी। इस मसले पर कांग्रेस का कोई भी नेता या स्वयं राहुल गांधी कभी यह नहीं कहते कि एनडीए भाजपा को केंद्र में सरकार बनाने से रोकने के लिए फलां पार्टी के नेता को हम समर्थन देंगे। शुक्रवार को एक अन्य प्रेसवार्ता के दौरान रणदीप सुरजेवाला ने स्पष्ट तौर पर कहा, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी सबसे बड़े दल के तौर पर सामने आ रही है। सीटें जिसकी भी ज्यादा होंगी, पीएम पद के लिए पहला हक तो उसी पार्टी का बनता है। राहुल गांधी से जब मायावती के पीएम बनने का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, मैं मायावती जी का बहुत सम्मान करता हूं। वे बहुत अनुभवी नेता हैं।
दक्षिण भारत में कुछ दलों द्वारा तीसरे फ्रंट की बात करना, इस सवाल पर राहुल बोले, यह भी 23 मई के बाद पता चल जाएगा। सोनिया गांधी को लेकर उन्होंने कहा, वे बहुत अनुभवी हैं। उन्होंने बहुत कुछ देखा है। कांग्रेस पार्टी उनके अनुभव का फायदा उठाएगी। सोनिया गांधी 23 मई की बैठक से पहले तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव, उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक, जगमोहन रेड्डी, केरला के सीएम पी.विजयन और एमके स्टालिन से बातचीत कर सकती हैं। इन्हीं नेताओं की ओर से तीसरे मोर्चे का विचार सामने आया है। कांग्रेस में सोनिया गांधी के अत्यंत क़रीबी नेता का कहना है कि इन नेताओं से यूपीए चेयरपर्सन अलग से मीटिंग कर रही हैं।