इमरान खान ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा खत, कहा- मुद्दे सुलझाने के लिए बातचीत जरूरी

हालांकि इमरान ने पाकिस्तान में पसरे आतंकवाद को लेकर कुछ नहीं कहा लेकिन वह कश्मीर का नाम लेना भी नहीं भूले। इससे पहले उन्होंने सितंबर 2018 को भेजे अपने खत में यूएनजीए (संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली) में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत का प्रस्ताव रखा था।
उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान आतंक के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। लेकिन कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ इस मुलाकात को रद्द कर दिया था। जिसे पाकिस्तान ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा था कि मुलाकात रद्द करने के पीछे भारत ने जो कारण दिए हैं, वो संतोषजनक नहीं हैं।
पहचान ना बताने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा है कि शायद ही कोई नई सरकार पाकिस्तान से बात कर सुर्खियों में आएगी। इमरान ने उस वक्त सभी को चौंका दिया था जब उन्होंने कहा था, कि "अगर भाजपा दोबारा सत्ता में आती है तो भारत-पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता और कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए बेहतर मौका होगा।"
अब माना जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान के नेता शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) के जून में किर्गिस्तान में होने वाले शिखरसम्मेलन में आमने सामने आ सकते हैं।