मसूद अजहर पर बैन लगाने के लिए चीन ने रखी ये शर्तें, भारत ने किया था इनकार

हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट के आंतकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की थी। जिसमें जैश के कई ठिकाने नेस्तानाबूत हो गए थे। भारत के इस कदम को आत्मरक्षा के तौर पर देखा गया और वैश्विक समुदाय ने इसपर सहमति जताई। यह स्पष्ट हो गया था कि भारत यदि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है तो वह इसके लिए कूटनीतिक दबाव सहन नहीं करेगा।
चीन भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकना चाहता था। भारत के उच्च अधिकारियों के साथ बातचीत में चीन ने ऑफर दिया था कि अजहर के बदले भारत तनाव को कम करे। 2016 और 2017 में चीन ने लगातार अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के रास्ते में अड़ंगा लगाया था।
चीन ने भारत से कहा था कि वह इस मुद्दे पर सीधे पाकिस्तान के साथ बातचीत करे। हालांकि भारत ने साफ कर दिया था कि वह पाकिस्तान के साथ बात नहीं करेगा। भारत ने आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान के साथ बातचीत को बंद किया हुआ है।
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या संयुक्त राष्ट्र के बयान में पुलवामा हमले का जिक्र न होना चीन के साथ हुई बातचीत का नतीजा था। जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'हम आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर किसी देश के साथ कोई बातचीत नहीं करते हैं। हमारा उद्देश्य मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का था।'