आप के एक और विधायक ने थामा भाजपा का हाथ
बिजवासन के देवेंद्र सहरावत कहा, तीन साल से अपमान झेल रहे थे
कहा, केंद्र के साथ मिलकर 3 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्य कराए, पर दिल्ली सरकार से नहीं मिला एक भी रुपया
Bharat Rajneeti
नई दिल्ली। तीन दिन के भीतर दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के एक और विधायक ने भाजपा का दामन थाम लिया। दिल्ली भाजपा के प्रदेश कार्यालय में बिजवासन से विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत ने सोमवार को न सिर्फ पाला बदला, बल्कि आप पर विधायकों के अपमान के आरोप भी लगाए। केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने पार्टी में देवेंद्र सहरावत का स्वागत किया। इससे पहले, शुक्रवार को गांधी नगर से आप विधायक अनिल कुमार वाजपेयी भाजपा में शामिल हुए थे।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हाल ही में दावा किया था कि भाजपा उनके 7 विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये में खरीदने की कोशिश कर रही है। इस पर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा था कि उनके संपर्क में 7 नहीं, बल्कि 14 आप विधायक हैं। इसके अगले ही दिन अनिल वाजपेयी भाजपा के प्रदेश कार्यालय में दिखाई दिए थे। भाजपा में शामिल हुए देवेंद्र सहरावत ने कहा कि आप में वे काफी समय से जिल्लत की जिंदगी जी रहे थे। उन्होंने केंद्र की मदद से करीब 3 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्य अपने क्षेत्र में कराए, लेकिन दिल्ली सरकार से एक भी काम नहीं करा सके। इसके पीछे बड़ी वजह सरकार और आप में सिर्फ कुछ ही नेताओं की चलना है। उन्होंने सीएम केजरीवाल से पूछा कि वे कब तक थप्पड़ और हत्या का षड्यंत्र रचने वाले बयान देते रहेंगे? उन्होंने कहा कि बिजवासन के लोगों के कहने पर ही उन्होंने आप को छोड़ा है। लोगों का कहना है कि आप में रहकर बदनामी के अलावा अन्य कुछ नहीं मिला।
देवेंद्र ने दावा किया कि आप विधायकों को सीएम से मिलने में पांच से छह महीने लग जाते हैं। दिल्ली में जगह-जगह बोर्ड लगाते हैं कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा, जबकि अधिकारियों से कहते हैं कि विधायकों की सुनना बंद कर दो। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की देहात में मुनीरका में पहली सभा मैंने ही कराई थी। उस वक्त जनलोकपाल आंदोलन शुरू भी नहीं हुआ था। तब भूमि अधिग्रहण के मसले पर आवाज उठा रहे थे। अब पार्टी के हालात काफी बदल चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे भाजपा में 10 करोड़ रुपये लेकर नहीं आए, बल्कि तानाशाही का जवाब देने के लिए आए हैं।