भारत लौटना चाहता है जाकिर नाईक, सुप्रीम कोर्ट के आगे रखी शर्त

‘द वीक’ नाम की एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में नाईक ने भारतीय न्याय व्यवस्था पर विश्वास जताया। हालांकि, मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उसने कहा, ‘पहले की न्याय व्यवस्था आज से बेहतर थी। 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले आप सरकार के खिलाफ बोल सकते थे। इतना ही नहीं, न्याय पाने की दर 80 फीसदी थी। आज 10 से 20 फीसदी रह गई है।
अतीत पर गौर करें तो आप पाएंगे कि आतंकवाद के आरोपों का सामना कर रहे 90 फीसदी मुस्लिम 10 से 15 साल बाद कोर्ट से बरी कर दिए जाते हैं। इसलिए मुझे भी न्याय पाने के लिए दस साल जेल में बिताने होंगे और मेरा पूरा मिशन बर्बाद हो जाएगा। इसलिए मैं ऐसी गलती नहीं कर सकता। अगर सुप्रीम कोर्ट मुझे भरोसा दिलाए कि दोषी पाए जाने तक मुझे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा तो मैं देश लौटने को तैयार हूं।’
नाईक ने कहा कि अगर एनआईए चाहे तो मुझसे मलयेशिया में भी पूछताछ कर सकती है। मनी लांड्रिंग के ईडी के आरोपों पर नाईक ने कहा कि मेरे पास सिर्फ एक बैंक खाता है। बताते चलें कि एनआईए ने नाईक और उसके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के खिलाफ धर्म के आधार पर दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने के लिए आतंक रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया है।