कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा- राहुल को इस्तीफा नहीं देने दिया, चुनाव हारे हैं साहस नहीं

कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है। यहां मौजूद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों ने इसे खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि पार्टी अध्यक्ष के इस्तीफे को सर्वसम्मति से नामंजूर किया गया है।
सुरजेवाला ने बताया कि सीडब्ल्यूसी ने राहुल गांधी को पार्टी के पुनर्गठन के लिए बदलाव करने का अधिकार दे दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही एक प्लान लाया जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि कांग्रेस जनादेश का सम्मान करती है। हमने चुनाव हारा है लेकिन साहस अब भी बरकरार है। पार्टी साहसी वोटरों का सम्मान करती है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी ने कहा, 'मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि यह बहुत खराब प्रदर्शन था। हम उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। पार्टी इस पर विस्तार से चर्चा करेगी... आज हमने सामान्य विचार विमर्श ही किया।'
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'लोकतंत्र में जीत और हार चलती रहती है लेकिन नेतृत्व उपलब्ध कराना अलग मसला है। उन्होंने नेतृत्व प्रदान किया, जो दिख रहा है- भले ही टीवी पर कम लेकिन जनता के बीच प्रत्यक्ष रूप से। हमने अपनी हार स्वीकार की है लेकिन यह हार सिर्फ नंबरों में हुई है... ये सिद्धांतों की हार नहीं है।'
आजाद ने आगे कहा, 'सीडब्ल्यूसी बैठक में सबने एकमत से राहुल गांधी से कहा कि उन्होंने अच्छा काम किया... उनके नेतृत्व पर किसी को कोई शक नहीं है लेकिन स्थितियां ऐसी बन गई थीं। यदि ऐसी स्थितियों में कोई पार्टी का नेतृत्व कर सकता है तो वह केवल राहुल गांधी हैं, यदि कोई विपक्ष का नेतृत्व कर सकता है तो वह केवल राहुल गांधी हैं।'
इससे पहले पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी। बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे थे।
17वीं लोकसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए करारे झटके की तरह हैं। पार्टी ने राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी को भी चुनावी मैदान में उतारा था, राफेल से लेकर चौकीदारी तक... हर मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कोशिश की थी। लेकिन, जनता ने कांग्रेस की हर बात को अनसुना करते हुए नरेंद्र मोदी को एक बार फिर सत्ता की कमान सौंप दी।