Chief Justice गोगोई बेदाग करार कमेटी ने कहा- महिला के आरोप में दम नहीं
सीजेआई रंजन गोगोई (फाइल फोटो): Bharat Rajneeti
Bharat Rajneeti: सुप्रीम कोर्ट की इनहाउस जांच कमेटी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों से क्लीन चिट दे दी है। आरोप लगाने वाली महिला की शिकायत भी खारिज कर दी गई है। कमेटी ने कहा कि कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी के आरोपों में दम नहीं है। महिला द्वारा जांच से हटने के बाद एकपक्षीय सुनवाई करके तैयार यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने एक संक्षिप्त नाेटिस जारी कर कहा कि इनहाउस कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की कोई बाध्यता नहीं है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2003 में इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट केस में दी गई व्यवस्था का हवाला दिया गया है। कोर्ट में दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस एसए बोबडे कमेटी के अध्यक्ष थे।
जस्टिस इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी सदस्य थीं। शिकायतकर्ता कमेटी की तीन सुनवाई में पेश हुई थी। 30 अप्रैल को वह तीसरी सुनवाई बीच में छोड़कर निकल गई थीं। बाद में उसने जांच से अलग होने की घोषणा कर दी। कमेटी ने एक पक्षीय सुनवाई जारी रख फैसला देने का निर्णय किया था। एक मई को चीफ जस्टिस गोगोई ने बयान दर्ज करवाए थे।
संविधान विशेषज्ञ बोले- महिला ने जांच में सहयोग नहीं किया, कमेटी एकपक्षीय निर्णय लेने को स्वतंत्र
संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचारी के अनुसार यह कमेटी विशेष तौर पर गठित की गई थी। इसका विशाखा गाइडलाइंस से कोई लेना-देना नहीं था। अगर महिला ने आरोप लगाकर जांच में सहयोग से इनकार कर दिया तो कमेटी एक पक्षीय फैसला लेने को स्वतंत्र है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के वकील सुमित वर्मा ने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामलों में इनहाउस कमेटी के सामने आरोप साबित करना और सबूत पेश करना महिला की जिम्मेदारी होती है। जांच में सहयोग से इनकार करने पर कमेटी के सामने एक पक्षीय कार्रवाई के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता।
आगे क्या : महिला पुलिस में शिकायत कर सकती है, लेकिन वहां भी यही रिपोर्ट देखी जाएगी
संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचारी के अनुसार महिला पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकती है। हालांकि, पुलिस भी पहले शिकायत पर जांच करेगी। उस दौरान इनहाउस कमेटी की रिपोर्ट भी परखी जाएगी।
सीजेआई को फंसाने की साजिश पर जल्द सुनवाई नहीं
चीफ जस्टिस को फंसाने की साजिश रचने वालों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर जल्द सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इनकार कर दिया। जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने कहा कि तय प्रक्रिया के तहत ही सुनवाई की जाएगी। चीफ जस्टिस पर यौन उत्पीड़न के आरोपों को साजिश का हिस्सा बताते हुए वकील एमएल शर्मा ने याचिका दायर की है।