विपक्ष दलों को झटका, EVM-VVPAT मामले में याचिका Supreme Court में खारिज

सुप्रीम कोर्ट का पिछला आदेश
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किया था। पीठ ने सिंघवी का यह अनुरोध स्वीकार करते हुए कहा था कि पुनर्विचार याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की जाएगी।
पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि वीवीपैट पर्चियों के मिलान में सिर्फ दो फीसदी की वृद्धि पर्याप्त नहीं होगी और इससे न्यायालय के आदेश से पहले की स्थिति में बहुत अधिक बदलाव नहीं आएगा। इससे चुनाव प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ाने का मकसद भी पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए, याचिकाकर्ता मेरिट के आधार पर अपनी दलीलों में सफल रहे हों लेकिन उनकी यह सफलता उनकी शिकायत का समाधान नहीं करती है।
मिलान के लिए पांच मतदान केंद्र पर्याप्त नहीं
याचिका में निर्वाचन आयोग की इस दलील का विरोध किया गया है कि चुनाव नजदीक हैं और ऐसी स्थिति में ईवीएम के साथ वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की संख्या को बढ़ाना व्यावहारिक नहीं है।
याचिका में कहा गया है कि मिलान के लिए व्यावहारिक संख्या तर्कसंगत होनी चाहिए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आंध्रप्रदेश में अनेक मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीनें सही तरीके से काम नहीं कर रही थीं।