मुक्त कराए इलाकों में फिर से संगठित हो रहे नक्सली, केंद्र की नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती

सरायकेला हमले में सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो और झारखंड पुलिस के विशेष दस्ते जगुआर के 11 जवान घायल हुए हैं। हमला काफी जबरदस्त था। चूंकि जवान राय सिंदरी पहाड़ पर चल रहे विशेष अभियान में पैदल थे, इसलिए हमले का असर जानलेवा नहीं हो पाया।
30 अप्रैल को गढ़चिरौली में नक्सलियों ने सुरक्षा बल के वाहन को आईईडी से निशाना बनाया था, जिसमें ड्राइवर समेत 16 जवान शहीद हुए थे। इस हमले से पहले नक्सलियों ने वहां विकास के काम में लगे तीस वाहनों में आग लगा दी थी। सुरक्षा बलों की लंबी कार्रवाई के बाद माना जाने लगा था कि महाराष्ट्र का गढ़चिरौली इलाका नक्सलियों से मुक्त हो चुका है।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन महीने पहले तक सिर्फ छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ ही ऐसा इलाका था जहां नक्सलियों की मौजूदगी थी। इसके अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार और झारखंड के जंगलों में नक्सलियों के रेड कॉरिडोर कहे जाने वाले इलाके लगभग मुक्त हो चुके थे।
इसी आधार पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कई बार यह बयान दिया था कि एक से दो साल में नक्सल समस्या का पूरी तरह खत्म हो जाएगी। लेकिन पिछले कुछ महीनों में नक्सलियों के हमलों ने मंत्रालय की चिंता बढ़ा दी है।