मोदी की वापसी के अनुमान को लेकर पाकिस्तान की मीडिया में भी हलचल

बड़ा सवाल उठता है कि क्या मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में अपनी कथित आक्रामक बचाव की नीति बदलेंगे या नहीं?’ ‘इफ मोदी रिटर्न्स’लेख में जाहिद हुसैन ने लिखा, ‘मोदी, वाजपेयी नहीं हैं और उन दोनों की तुलना करना बहुत बड़ी गलती होगी। मोदी समस्याओं का समाधान बातचीत की बजाय शक्ति का इस्तेमाल करके निकालना चाहते हैं। इमरान खान के शांति संदेश का क्या मोदी सकारात्मक जवाब देंगे?
अनुच्छेद 370 की भी चर्चा
पाकिस्तानी मीडिया में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की भी चर्चा है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, ऐसा कोई संकेत नहीं है कि मोदी कश्मीर के मुद्दे पर अपनी रणनीति बदलेंगे। इससे कश्मीर में हिंसा की घटनाएं बढ़ सकती हैं। सीधा असर नई दिल्ली व इस्लामाबाद के रिश्तों पर पड़ेगा। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ के मुताबिक, भाजपा व मोदी ने संघ से पाक के विरोध वाले रास्ते पर चलने का वादा किया है।