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गुरुवार, 2 मई 2019

PM Modi के रामलला के दर्शन न करने पर जनता निराश, VHP ने कहा- PM ने जताए अपने इरादे

PM Modi के रामलला के दर्शन न करने पर जनता निराश, VHP ने कहा- PM ने जताए अपने इरादे


PM Narendra Modi
PM Narendra Modi 
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी गुरुवार को पहली बार अयोध्या पहुंचे। उन्होंने अयोध्या के गोसाईं नगर में एक जनसभा को संबोधित किया। लेकिन रैली स्थल से मात्र 25 किलोमीटर दूर स्थित रामलला के दर्शन करने वे नहीं गए। लोगों ने प्रधानमंत्री के इस निर्णय पर निराशा जताई है और कहा है कि उन्हें भगवान राम का दर्शन करने जाना चाहिए था। इसका अच्छा संकेत जाता। हालांकि, राममंदिर के लिए आंदोलन चलाने वाली विहिप का कहना है कि अयोध्या में अपने बयानों के जरिये प्रधानमंत्री ने अपना इरादा साफ कर दिया है और मंदिर बनना सिर्फ कुछ समय की बात रह गई है।  विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अयोध्या की धरती पर खड़े होकर 'जय श्री राम' का नारा लगाया है। और भगवान राम की जय तब तक नहीं हो सकती जब तक कि उनका मंदिर नहीं बन जाता। इस तरह से प्रधानमंत्री ने राममंदिर पर अपने इरादे लोगों के सामने साफ कर दिए हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि रामलला का मंदिर जल्द ही साकार रूप लेगा।  

इस सवाल पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बाद भी राममंदिर बनवाने का प्रयास क्यों नहीं किया, जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है तब वे संसद में कानून बनाने की बात नहीं कर सकते थे। दूसरे, तीन तलाक जैसे कई बिल संसद में सिर्फ इसलिए पास नहीं हो सके क्योंकि सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं था। इसलिए असफलता हासिल करने की बजाय उन्होंने कुछ समय और ठहरना उचित समझा। 

इस कार्यकाल में बनेगा राम का मंदिर

हालांकि, राममंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले रामविलास वेदांती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस स्थल पर आज भाषण दिया है, वह स्थल भी चौरासी कोसी परिक्रमा के अंतर्गत आता है। ऐसे में यह भी राम का ही स्थल है। उन्होंने कहा कि आज की रैली से यह साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री दोबारा जीतकर आने वाले हैं और इस कार्यकाल में भगवान राम का मंदिर अवश्य बनेगा। हालांकि वेदांती ने यह स्वीकार किया कि पीएम के इस कार्यक्रम को लेकर साधु-संतों में निराशा थी। यही कारण था कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बहुत सीमित साधु ही शामिल हुए। 

दर्शन करने जाते तो अच्छा होता  

एक ठेकेदार का काम करने वाले 42 वर्षीय प्रमोद कामत का मानना है कि प्रधानमंत्री को अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के लिए जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वे दर्शन करने के लिए क्यों नहीं गए, इसका कारण तो प्रधानमंत्री ही बता सकते हैं, लेकिन अगर वे रामलला के दर्शन करने जाते तो बहुत अच्छा होता। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा राममंदिर बनाने की बात कही थी। अब जब उन्हें पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मौका मिला था, तब उन्हें अपने वायदे को निभाना चाहिए था। प्रमोद कामत को लगता है कि नरेंद्र मोदी दुबारा सत्ता में वापस आ सकते हैं, हालांकि इस बार उन्हें पिछली बार की तरह मजबूत सरकार बनाने का मौका नहीं मिलेगा, बल्कि मिली-जुली सरकार बन सकती है। 

मंदिर बनाना चाहिए था  

देहरादून से दिल्ली घूमने आए तीस वर्षीय गौरव का कहना है कि प्रधानमंत्री को अयोध्या में रामलला के दर्शन अवश्य करने जाना चाहिए था। उनका कहना है कि मजबूती के साथ सरकार में आने के कारण उन्हें मंदिर बनाना चाहिए था। गौरव का मानना है कि नरेंद्र मोदी सरकार केंद्र में अच्छा काम कर रही है। वे इस बात के लिए पूर्ण आश्वस्त तो नहीं हैं कि सरकार पिछली बार की तरह मजबूत समर्थन प्राप्त कर पाएगी या नहीं, लेकिन उन्हें यह लगता है कि भाजपा दोबारा सत्ता में वापसी करने में कामयाब रहेगी। 

ज्यादा बहुमत के साथ होगी सत्ता में वापसी   

हरियाणा के करनाल के रहने वाले विवेक कुमार का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री अयोध्या गए थे तो उन्हें रामलला के दर्शन जरूर करने चाहिए थे। वे आज तक अयोध्या नहीं गए थे, लेकिन चुनाव के दौरान ही गए तब भी यह अच्छा कदम है। विवेक कुमार के मुताबिक, भाजपा को सत्ता में आने के बाद राममंदिर बनाने का प्रयास करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भाजपा पिछली बार के मुकाबले ज्यादा बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ रही है।

राममंदिर न जाना समझ नहीं आता  

पेशे से एक चार्टर्ड एकाउंटेंट आरके बंसल का कहना है कि अपने धर्म के प्रतिष्ठान में जाने पर किसी को किसी तरह की आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी। ऐसे में मोदी का राममंदिर पर न जाना उनकी समझ में नहीं आता। उन्होंने कहा कि मोदी ने अपने पांच साल में अनेकों मंदिरों-मस्जिदों में दर्शन किये हैं। ऐसे में वे सिर्फ अयोध्या में ही दर्शन करने क्यों नहीं गए, यह बात समझ से परे है। हालांकि, बंसल के मुताबिक सरकार मजबूती के साथ काम कर रही है और सत्ता में इसकी वापसी के पूरे आसार हैं।

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