Bharat Rajneeti:- PM Modi के खिलाफ चुनाव लड़ने का तेज बहादुर का सपना टूटा, याचिका खारिज
तेज बहादुर यादव और शालिनी यादव - फोटो : Bharat Rajneeti
Bharat Rajneeti: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नामांकन करने वाले तेज बहादुर यादव को चुनाव आयोग के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी झटका दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने तेज बहादुर यादव की याचिका को खारिज कर दिया है। तेज बहादुर यादव का नामांकन पत्र 1 मई को खारिज हो गया था। जिसके बाद तेज बहादुर ने चुनाव आयोग द्वारा नामांकन पत्र रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी। तेज बहादुर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगाई की पीठ ने तेज बहादुर यादव की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हमें तेज बहादुर की याचिका में ऐसा कुछ नहीं मिला कि कोर्ट इस पर सुनवाई करे। इसलिए कोर्ट इस याचिका को खारिज करता है।
ये था मामला
30 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच में बीएसएफ से बर्खास्त किए जाने के संबंध में दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी सामने आने के बाद तेज बहादुर को नोटिस दिया गया था। जांच के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह द्वारा तेज बहादुर यादव को बीएसएफ से बर्खास्तगी के संबंध में दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी देने पर नोटिस देकर 24 घंटे में बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर प्रस्तुत करने को कहा गया था।
तेजबहादुर को कहा गया था कि यादव बीएसएफ से प्रमाणपत्र लेकर आएं, जिसमें यह स्पष्ट हो कि उन्हें नौकरी से किस वजह से बर्खास्त किया गया। जांच में पाया गया कि यादव ने पहले नामांकन में ‘भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन पद धारण करने के दौरान भ्रष्टाचार या अभक्ति के कारण पदच्युत किया गया’ के सवाल पर हां में जवाब दिया और विवरण में 19 अप्रैल, 2017 लिखा है।
दूसरे नामांकन में शपथ पत्र प्रस्तुत कर पहले नामांकन में गलती से हां लिख दिया गया था। शपथ पत्र में बताया कि तेज बहादुर यादव सिंह पुत्र शेर सिंह को 19 अप्रैल, 2017 को बर्खास्त किया गया, मगर भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा पद धारण के दौरान भ्रष्टाचार एवं अभक्ति के कारण पदच्युत नहीं किया गया है।
जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए दो नोटिसों का जवाब देने 1 मई को सुबह 11 बजे तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ आरओ से मिलने पहुंचे। इसके बाद उनका नामांकन खारिज कर दिया गया था।