थरूर: श्रद्धांजलि लिखने का वक्त नहीं आया, अभी जिंदा है कांग्रेस
शशि थरूर (फाइल फोटो): bharat rajneeti
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अस्तित्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं। कई राज्यों में सत्ता पर काबिज कांग्रेस की सरकारों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
इसके बावजूद
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर का कहना है कि पार्टी अभी जिंदा और सक्रिय है। केरल और पंजाब में पार्टी का प्रदर्शन यही साबित करता है। एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अभी कांग्रस की श्रद्धांजलि लिखने का समय नहीं आया।
कांग्रेस के लिए यह समय अपने जख्म संभालने का नहीं, बल्कि अगले 5-6 माह में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड सहित विभिन्न राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटने का है। थरूर ने राहुल गांधी को कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बताया।
लोकसभा में नेतृत्व की जिम्मेदारी उठाने को तैयार
थरूर ने हाल ही में यह बयान भी दिया था कि अगर लोकसभा में उन्हें कांग्रेस का नेतृत्व दिया जाता है, तो वे इसे लेने के लिए तैयार हैं। हालांकि निर्णय पार्टी को लेना है। जो बड़े नेता हार चुके हैं, उनके बाद पार्टी को आगे बढ़ाने की अधिक जिम्मेदारी उन पर है जो संसद में बचे रह गए हैं।
कांग्रेस ही भाजपा का विश्वसनीय विकल्प
थरूर ने यह भी कहा कि इस समय केवल कांग्रेस ही भाजपा का विश्वसनीय विकल्प है। इस संदेश को नागरिकों तक ले जाया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसा राहुल गांधी के नेतृत्व में किया जाएगा। नेहरू-गांधी परिवार ने आजादी के बाद पार्टी को आकार और मार्गदर्शन देने में बड़ा योगदान दिया है। इसके चलते उन्हें पार्टी में गहरा सम्मान और ताकत प्राप्त है। वे अब भी पार्टी को काफी योगदान दे सकते हैं।
मतदाता मानते हैं कि मोदी ही उन्हें दुश्मनों से बचाएंगे...
बुद्धिजीवी योगेंद्र यादव के ‘कांग्रेस को मर जाना चाहिए’ वाले बयान पर थरूर ने कहा कि कांग्रेस जिस दृष्टिकोण और मुद्दों पर खड़ी है, वह देश का भविष्य हैं। मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट के लिए क्यों नहीं चुना, इसके लिए पार्टी को समझना होगा कि इसमें उनके कौन से आर्थिक व निजी हित थे।
थरूर ने कहा कि निश्चित रूप से धार्मिक ध्रुवीकरण एक बड़ी वजह है, लेकिन यही एक वजह नहीं है। मोदी की छवि ने कुछ मतदाताओं को प्रभावित किया है। वे मानते हैं कि मोदी ही उन्हें दुश्मनों से बचा सकते हैं।