मोदी और योगी आदित्यनाथ |
पूर्वांचल में कुल 26 लोकसभा और 130 विधानसभा सीटें हैं. इसी पूर्वांचल की वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. इसके अलावा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर गोरखपुर और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय की संसदीय सीट चंदौली पूर्वांचल में आती है. बीजेपी के ये तीनों दिग्गज अपनी-अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे, लेकिन पूर्वांचल के गढ़ को पिछले लोकसभा चुनाव की तरह नहीं बचा सके हैं. हालांकि, बाकी यूपी के हिस्से में सपा-बसपा गठबंधन अपना प्रभाव नहीं दिखा सका.
पूर्वांचल की सीटें
पूर्वांचल में कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बांसगांव, फैजाबाद, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, डुमरियागंज, महाराजगंज, अंबेडकरनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, आजमगढ़, घोषी, सलेमपुर, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वारणसी, भदोही, मिर्जापुर, फूलपुर, इलाहबाद और प्रतापगढ़ सीट आती है.पूर्वांचल में बीजेपी को 6 सीटों का नुकसान
पूर्वांचल की 26 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 17 और दो सीटें उसकी सहयोगी अपना दल (एस) जीतने में कामयाब रही. जबकि बसपा को 6 और सपा को एक सीट मिली है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने इन 26 सीटों में से 25 पर जीत दर्ज की थी और एक सीट सपा को मिली थी. पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों की तुलना करें तो बीजेपी को सीधे तौर पर 6 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है.मुलायम की तरह अखिलेश भी फेल
सपा-बसपा गठबंधन ने पूर्वांचल की सभी 26 सीटों में से 13-13 सीटों पर चुनाव लड़ा. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पूर्वांचल को साधने के लिए आजमगढ़ संसदीय सीट से मैदान में उतरे थे, लेकिन अपनी सीट के अलावा दूसरी सीट पर सपा को नहीं जिता सके हैं. पिछले चुनाव में पूर्वांचल में मोदी लहर की रफ्तार को कम करने के लिए सपा के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ सीट से मैदान में उतरे थे. लेकिन वह अपनी सीट के अलावा किसी दूसरी सीट पर साइकिल दौड़ाने में कामयाब नहीं हो सके.मुलायम की तर्ज पर ही अखिलेश यादव पूर्वांचल को साधने के लिए आजमगढ़ की जमीन पर 'हाथी' के सहारे उतरे थे. इसके बावजूद वो आजमगढ़ सीट के सिवाय किसी दूसरी सीट पर प्रभाव नहीं दिखा सके हैं. जबकि हाथी साईकिल के सहारे मोदी-योगी के दुर्ग को भेदने में काफी हद तक सफल रहा है.
पूर्वांचल की श्रावस्ती, घोसी, लालगंज, गाजीपुर, जौनपुर और अंबेडकर नगर लोकसभा सीट पर बसपा जीतने में कामयाब रही है. इसके अलावा मक्ष्लीशहर लोकसभा सीट बसपा महज 181 वोट से हार गई. यही नहीं इसके अलावा कई और ऐसी सीटें हैं, जहां गठबंधन को बहुत कम अंतर से हार मिली है. बाहुबली मुख्तार अंसारी का असर पूर्वांचल में देखने को मिला. इसी का नतीजा था कि गाजीपुर में उनके भाई अफजाल अंसारी और घोषी सीट से उनके करीबी अतुल राय बसपा से जीतने में कामयाब रहे.