राहुल का 'चौकीदार चोर है' और राफेल स्लोगन हुआ फेल, कांग्रेस को मिली करारी हार
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए 'चौकीदार चोर है' स्लोगन और राफेल घोटाला जैसे मुद्दों का भी इस्तेमाल किया। लेकिन ये सब फेल हो गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर उनकी मां और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी मिलने गईं। वहीं राहुल की बहन, कांग्रेस पार्टी की महासचिव और पूर्वी उत्तरप्रदेश की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनसे मिलने गईं।
कांग्रेस के खराब प्रदर्शन ने एक बार फिर पार्टी में संरचनात्मक कमजोरियों को उजागर किया है, खासकर हिंदी भाषी राज्यों में। हालांकि दक्षिण भारत में पार्टी को फायदा होता दिख रहा है। कांग्रेस के लिए अब छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के बारे में सोचान भी जरूरी हो गया है। इन राज्यों में पार्टी ने विधानसभा चुनावों में भारी मतों से जीत हासिल की थी। यहां छह महीने में ही ऐसा क्या हो गया कि कांग्रेस को उम्मीद मुताबिक वोट भी नहीं मिल पाए।
कर्नाटक में कांग्रेस की स्थिति बेहतर दिख रही है। यहां कांग्रेस की जनता दल (सेक्युलर) के साथ गठबंधन सरकार है। वहीं कांग्रेस अपनी न्याय योजना के बारे में लोगों को समझाने में भी नाकाम रही है। जिसमें सरकार ने न्यूनतम आय गारंटी योजना के तहत देश के 20 फीसदी गरीब लोगों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया था। राहुल चौकीदार चोर है और राफेल घोटाला जैसे दावों पर भी लोगों को विश्वास दिलाने में कामियाब नहीं हो पाए।