अपने पास केवल अश्लील तस्वीरें रखना दंडनीय अपराध नहीं : केरल हाईकोर्ट

उच्च न्यायालय ने यह फैसला उस याचिका पर दिया जिसमें एक व्यक्ति और महिला के खिलाफ मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई थी। यह मामला कोल्लम में एक मजिस्ट्रेट अदालत में लंबित था। यह मामला 2008 में दर्ज किया गया था। पुलिस ने कोल्लम के बस अड्डे पर तलाशी अभियान के दौरान दोनों लोगों के बैगों की जांच की थी जो एक साथ थे। तलाशी में उनके पास दो कैमरे मिले थे।
जांच करने पर यह पाया गया कि उनके पास उनमें से एक की अश्लील तस्वीरें और वीडियो हैं। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और कैमरे जब्त कर लिए गए थे। जिसके बाद एक मामला दर्ज किया गया था और जांच के बाद कोल्लम न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने अंतिम रिपोर्ट रखी गई थी।
उच्च न्यायालय ने कहा, 'अभियोजन पक्ष यह नहीं बता पाया है कि याचिकाकर्ताओं ने अपने कब्जे में पाए गए कैमरों के निजी चित्रों को विज्ञापित या प्रसारित किया है। हरियाणा राज्य बनाम भजनलाल के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित कानूनी सिद्धांतों की पृष्ठभूमि में तथ्यात्मक परिदृश्य की जांच की गई तो यह निष्कर्ष निकला कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही कुछ नहीं बल्कि कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।'