भारतीय सेना में खत्म होगा अधिकारियों का सूखा, सेना प्रमुख ने योजना पर लगाई मुहर Bharat Rajneeti
भारतीय सेना (Bharat Rajneeti)
एक बड़े परिवर्तन के तौर पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना को मंजूरी दी है। यह प्रशिक्षण संस्थान जवानों को सेना में कमीशन अधिकारी के तौर पर अहर्ता प्राप्त करने में मदद करेगा।
सेना के अधिकारियों ने बताया, 'इस संस्थान का नाम यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग होगा और इसे चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी के अंदर स्थापित करने की योजना है। यह जवानों में संवाद, नेतृत्व और टीम भावना के गुण विकसित करने पर केंद्रित होगा।'
16 सितंबर से 200 जवानों का पहला बैच यहां प्रशिक्षण लेगा। यह प्रशिक्षण पांच महीने तक चलेगा। योजना है कि हर साल ऐसे जो बैच चलाए जाएं। 10 अधिकारियों की एक कोर टीम विंग के प्रशिक्षक केंद्र का कार्य करेगी।
अधिकारियों ने कहा, 'हालांकि, चयन के दौरान एसएसबी केंद्रों पर इन जवानों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था। इनकी सफलता दर 8.46 फीसदी थी। इसपर यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग की स्थापना का विचार आया जहां जवानों को इस बात का प्रशिक्षण मिले कि वह एसएसबी परीक्षा का सामना ज्यादा आत्मविश्वास के साथ कर सकें।'
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग में जाने वाला हर जवान कमीशन अधिकारी नहीं बन जाएगा, लेकिन उनमें से कई बनेंगे। इकाई सत्र पर बेहतर पेशेवर प्रतिद्वंद्विता के साथ ये जवान बाकी के लिए रोल मॉडल बन सकते हैं।'
अधिकारियों के तौर पर जवानों का चयन तीन तरीकों से किया जाता है। इसमें से एक आर्मी कैडेट कॉलेज (एसीसी) है, दूसरा विशेष कमीशन अधिकारी (एससीओ एंट्री) द्वारा और तीसरा परमानेंट कमीशन (विशेष सूची) या पीसीएसएल द्वारा है। पहले दो तरीकों से आए अधिकारियों के किसी भी ब्रांच में तैनात किया जा सकता है वहीं पीसीएसएल अधिकारियों की तैनाती विशेष रूप से नामित नियुक्तियों पर होती है।
यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग में चयन की प्रक्रिया बहुचरणात्मक है। सबसे पहले इसमें पंटमढ़ी स्थिस आर्मी एजुकेशन कॉर्प्स सेंटर पर एक लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें 500 सफल जवान चयनित किए जाएंगे। इनमें कठिन स्क्रीन प्रोसेस के बाद 100 जवान चयनित किए जाएंगे। किसी भी आकस्मित परिस्थिति के लिए 10 फीसद जवान रिजर्व श्रेणी में रखे जाएंगे।