भाजपा ने उपचुनाव के लिए बनाई रणनीति, विधायक से सांसद बने नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट नहीं
प्रतीकात्मक तस्वीर : bharat rajneeti
भाजपा ने उपचुनाव वाली सीटों पर विधायक से सांसद बने नेताओं के बेटे-बेटियों या रिश्तेदारों को टिकट न देने का फैसला किया है। तय किया गया है कि इन सीटों पर पार्टी के निष्ठावान पुराने और जिताऊ चेहरों को चुनाव लड़ाया जाएगा।
पार्टी के कोर ग्रुप की बुधवार देर रात सीएम आवास पर हुई बैठक में मंत्रिमंडल पुनर्गठन, सदस्यता अभियान एवं अगले माह प्रस्तावित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को पर चर्चा हुई। लेकिन मुख्य मुद्दा उपचुनाव ही रहा।
प्रदेश में 12 सीटों के उपचुनाव होने हैं। इनमें 8 सीटें भाजपा विधायकों के इस्तीफे, एक सीट अपना दल, एक-एक सीट सपा-बसपा विधायक के त्यागपत्र और एक सीट हमीरपुर से भाजपा विधायक अशोक चंदेल को उम्रकैद होने के कारण उनकी सदस्यता रद्द होने से खाली हुई है।
नेताओं के पुत्र-पुत्रियों के टिकट की दावेदारी को लेकर काफी सख्त रहा रवैया
बैठक में उपचुनावों वाली सीटों के प्रत्याशियों पर मंथन हुआ। नेताओं का रुख विधायक से सांसद बने नेताओं के पुत्र-पुत्रियों के टिकट की दावेदारी को लेकर काफी सख्त रहा। तय हुआ कि इन सीटों के जो विधायक सांसद बन चुके हैं उनके घर के सदस्यों को टिकट नहीं दिया जाए। अन्य किसी सांसद या विधायक के नाते-रिश्तेदार अगर टिकट मांग रहे हैं तो उनके नामों पर भी विचार नहीं होगा। सभी जगह पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाया जाए।
खासतौर से जिताऊ चेहरों पर ही ध्यान केंद्रित किया जाए। बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय दिल्ली से आए थे। इनके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित अन्य कई प्रमुख पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए
इसलिए बढ़ी सक्रियता
उपचुनावों को लेकर भाजपा का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है। इसीलिए इस बार भाजपाई अभी से एक-एक सीट को लेकर चिंतित व सक्रिय हैं। बैठक में तय हुआ कि चुनाव की तैयारी और इंतजाम ऐसे हों कि एक भी सीट हाथ से न निकलने पाए।
ध्यान रहे कि पार्टी ने उपचुनावों वाली सभी सीटों पर पहले ही सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री और पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी को तैनात कर दिया है। इनकी देखरेख में चुनावी तैयारियां चलेंगी।
मो. आजम खां के गढ़ रामपुर के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट के लिए वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक को जिम्मेदारी सौंपी गई है।