यूपी में अक्षम अफसरों को सेवा से बाहर करने का फरमान जारी, 50 पार कर्मियों की स्क्रीनिंग का आदेश जारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। - फोटो : bharat rajneeti
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद दागी व अक्षम कर्मियों को सेवा से बाहर करने की कार्यवाही तेजी से पूरा करने का शासनादेश जारी कर दिया गया है।
मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने 50 वर्ष की उम्र पार करने वाले अधिकारियों की स्क्रीनिंग कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने संबंधी कार्यवाही 30 जून तक पूरा करने करने का निर्देश दिया है। साथ ही, तीन जुलाई तक शासन को रिपोर्ट उपलब्ध कराने को भी कहा है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए आयु के निर्धारण की कट ऑफ डेट 31 मार्च 2019 होगी। यानी ऐसे सरकारी सेवक जिनकी आयु इस तारीख को 50 वर्ष या इससे अधिक होगी, उनकी स्क्रीनिंग की जा सकेगी।
मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को निर्देशित किया है कि वे अपने नियंत्रण वाले सभी अधिष्ठानों में अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए कर्मियों की सूचना अपने हस्ताक्षर से कार्मिक अनुभाग-1 को उपलब्ध कराएं।
एक बार जिन्हें सेवा में बनाए रखने का फैसला, अब उनकी स्क्रीनिंग नहीं
यह स्पष्ट किया गया है कि यदि पिछली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में किसी कार्मिक को आगे सेवा में बनाए रखने का निर्णय ले लिया गया है तो उसके मामले को अगली स्क्रीनिंग कमेटी के सामने नहीं रखा जाएगा।
हालांकि यदि ऐसे किसी कर्मी के बारे में कोई महत्वपूर्ण तथ्य नियुक्ति प्राधिकारी के संज्ञान में आता है तो वे किसी भी समय जनहित में उस सरकारी सेवक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय कर सकते हैं या मामला स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष रख सकते हैं।