हिरासत में मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट का संजीव भट की याचिका पर विचार से इनकार

अभियोजन के अनुसार, संजीव ने सांप्रदायिक दंगे के दौरान सौ से अधिक व्यक्तियों को हिरासत में लिया था और इन्हीं में से एक व्यक्ति की रिहाई होने के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। संजीव को बगैर अनुमति के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने और सरकारी वाहन का दुरुपयोग करने के आरोप में 2011 में निलंबित किया गया था और बाद में अगस्त, 2015 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।
भट ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने हिरासत में मौत मामले की सुनवाई के दौरान पूछताछ के लिए अतिरिक्त गवाहों को बुलाने की उनकी अपील को अस्वीकार कर दिया था।