मायावती ने कहा- सपा-बसपा के रास्ते अलग, अखिलेश बोले- इसका भी स्वागत है
मायावती और अखिलेश यादव : bharat rajneeti
आपसी गठबंधन को फिलहाल 'होल्ड' पर रखने के बसपा प्रमुख मायावती के एलान के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपनी राहें अलग करने के संकेत दे दिए। गाजीपुर में मीडिया से बातचीत में उपचुनाव अपने दम पर लड़ने की बात कही। इससे पहले मायावती ने भी सपा से अलग उपचुनाव लड़ने की बता कही थी।
सपा मुखिया और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। साथ ही उन्होंने यूपी में होने वाले उपचुनावों में भी अकेले लड़ने के लिए कहा है।
अखिलेश ने कहा 'अगर गठबंधन टूटा है और जो बातें कही गई हैं ...मैं उन पर बहुत सोच समझकर विचार करूंगा। जब उपचुनाव में गठबंधन है ही नहीं, तो सपा भी 11 सीटों पर राय मशविरा करके अकेले चुनाव लड़ेगी। अगर रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत है।'
इससे पहले मायावती ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की और एलान किया कि बसपा विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी। हालांकि, उन्होंने गठबंधन जारी रखने के लिए शर्तें जोड़ दी हैं। मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा का वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हुआ।
यही कारण है कि यादव परिवार के डिंपल, धर्मेंद्र व अक्षय भी चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि बसपा एक मिशनरी, अनुशासित व कैडर आधारित पार्टी है जबकि सपा में अभी काफी सुधार की जरूरत है। मायावती ने कहा कि अखिलेश अपने कार्यकर्ताओं को मिशनरी बनाएं।
मायावती ने कहा कि हालांकि, हम राजनीतिक मजबूरियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसलिए हमने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन हमेशा के लिए समाप्त नहीं हो रहा है। अगर हमें लगेगा कि सपा इस स्थिति में है कि गठबंधन से लाभ हो सकता है तो हम जरूर साथ आएंगे नहीं तो अलग-अलग रहना ही ज्यादा बेहतर होगा।
मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने मुझे बहुत सम्मान दिया और मैंने भी देश व समाज हित में पुराने मतभेद भूलकर उनका आदर किया। हमारे रिश्ते राजनीतिक नहीं हैं और हमेशा बने रहेंगे।
12 जनवरी को हुआ था सपा-बसपा का गठबंधन
इस साल 12 जनवरी को गठबंधन की घोषणा के दौरान लखनऊ में अखिलेश यादव और मायावती ने कहा था कि ये दोस्ती स्थायी है। हम ना सिर्फ लोकसभा बल्कि विधानसभा चुनाव भी साथ लड़ेंगे।