ना बैठक ना जनसभा, सिर्फ एप के जरिए पाटिल ने हासिल की सबसे बड़ी जीत
सीआर पाटिल (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti
ना खुद कोई जनसभा या बैठक की और ना ही किसी बड़े-छोटे नेताओं को ही अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए बुलाया। इसके बावजूद महज एक एप और 47 कर्मचारियों के सहारे नवासारी (गुजरात) के सांसद सीआर पाटिल ने सबसे बड़ी जीत हासिल कर पूरे देश को चौंका दिया। आईएसओ 2015 प्रमाणित दफ्तर वाले पाटिल ने देश को बताया कि कैसे तकनीकी की सहायता से लोगों के दुख-सुख में हमेशा साथ रह कर चुनाव जीता जा सकता है।
लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने वाले सांसद पाटिल ने संसद भवन परिसर में अमर उजाला को बताया कि पहली बार सांसद बनने के बाद से ही उन्होंने तकनीकी की सहायता से मदद करने का बीड़ा उठाया। इसके लिए संसदीय क्षेत्र के करीब करीब सभी मतदाताओं को जोड़ने के लिए एप बनाया। एक एक मतदाता का डाटा शामिल किया। फिर बतौर सांसद अपने लिए लोगों की सेवा से जुड़े 54 काम चिन्हित किये। इन कार्यों की जिम्मेदारी अलग-अलग कर्मचारियों में बांटी।इन कामों में शौचालय, मकान, पेयजल जैसे काम ही नहीं बल्कि मंदिर दर्शन कराने जैसे काम भी शामिल किए। आज क्षेत्र का कोई भी मतदाता एप के माध्यम से काम के लिए संपर्क साधता है और संपर्क साधने वालों को इसी एप के माध्यम से पता रहता है कि उनके कार्य की क्या प्रगति है।सांसद के बनाए एप में बुजुर्गों की अलग सूची है। क्षेत्र के सभी लोगों की जन्म तिथि, शादी की साल गिरह या विशेष दिन का डाटा है। संबंधित दिन लोगों को स्वत: ही बधाई संदेश चला जाता है। चूंकि एप के माध्यम से ही सभी शिकायतों का सौ फीसदी निपटारा होता है। इसलिए दूर दराज के लोगों को सांसद से मिलने नहीं आना होता। फिर भी एहतियात के तौर पर सांसद सप्ताहांत में अपने क्षेत्र में मौजूद रहना और इस दौरान प्रतिदिन कम से कम ढाई सौ लोगों से मिलना नहीं भूलते। सभी साथ इसलिए नहीं पड़ी जरूरत
पाटिल ने बताया कि इस चुनाव में उन्होंने बड़ी जनसभा तो क्या छोटी बैठकें तक नहीं की। बाहर से भी किसी को नहीं बुलाया। चूंकि किसी की ऐसी कोई समस्या नहीं थी, जिसे नहीं सुलझाया गया, ऐसे में क्षेत्र में विरोध जैसे कोई बात ही नहीं थी। बस पांच साल मैंने एप के जरिए बताई गई समस्याओं की ईमानदारी से निगरानी की। सत्र चालू रहते भी साप्ताहांत में क्षेत्र से बाहर नहीं रहा।
लोकसभा चुनाव की सबसे बड़ी जीत
हालांकि लोकसभा उपचुनाव की सबसे बड़ी जीत प्रीतम मुंडे के नाम है। मगर लोकसभा की सबसे बड़ी जीत का कीर्तिमान पाटिल केनाम है। प्रीतम मुंडे ने 2014 के उपचुनाव में 696321 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। जबकि पाटिल ने इस बार 689668 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।