संभव है कि कांग्रेस अध्यक्ष गांधी परिवार से न हो, लेकिन पार्टी में उनकी सक्रियता जरूरी: मणिशंकर Bharat Rajneeti
Mani Shankar Aiyar
कांग्रेस में राहुल गांधी और अध्यक्ष पद को लेकर चल रही असमंजस के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने बड़ी बात कह दी है। उन्होंने रविवार को कहा कि कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर से हो, यह संभव है, लेकिन पार्टी में गांधी परिवार की सक्रियता जरूरी है।
हालांकि उन्होंने यह जोड़ा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने रहे तो बेहतर है, लेकिन इस समय उनकी इच्छा का भी सम्मान किया जाना आवश्यक है। मालूम हो कि राहुल गांधी अपनी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं और उनकी इच्छा है कि अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से न हो। अय्यर ने आगे कहा-
मैं जानता हूं कि भाजपा का लक्ष्य गांधी मुक्त कांग्रेस और नतीजन कांग्रेस मुक्त भारत है। मेरे विचार में हम उस सोच के जाल में फंसने वाले नहीं हैं कि उन्होंने कुछ ऐसा पता लगा लिया है जिसे खोज पाने में हम असमर्थ हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने राहुल गांधी की इच्छा को लेकर कहा कि मुझे यकीन है कि पार्टी का प्रमुख नेहरू-गांधी परिवार से ना भी हो, लेकिन पार्टी में नेहरू-गांधी परिवार की सक्रियता बनी रहे, तो कांग्रेस हालिया संकट के इस दौर से उबर सकती है।
'पार्टी चाहती है राहुल अध्यक्ष बने रहें'
अय्यर ने कहा कि राहुल ने पार्टी को अपना विकल्प खोजने के लिए करीब एक महीने का समय दिया है। ऐसे में कांग्रेस के अंदर असमंजस की स्थिति है, हालांकि पार्टी की भावना राहुल के पक्ष में है। पार्टी चाहती है कि राहुल गांधी अध्यक्ष बने रहें।
हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को अटकलें लगाने की बजाय थोड़ा इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने के लिए राजी कर लिया गया है या फिर उनकी जगह कोई अन्य विकल्प अध्यक्ष के तौर पर सामने आएंगे, यह जानने के लिए समय का इंतजार करें।
'सिर कलम कर देंगे तो धड़ फड़फड़ाने लगेगा'
अय्यर ने कहा- मुझे नहीं लगता कि यह व्यक्तित्व का मामला है। संगठन के शीर्ष नेतृत्व में फेरबदल की जरूरत को लेकर पूछे गए सवाल पर 78 वर्षीय अय्यर ने कहा कि अगर आप सिर ही कलम कर देंगे तो धड़ फड़फड़ाने लगेगा।
अय्यर ने पार्टी के इतिहास से ऐसे कई उदाहरण पेश किए जब नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के लोग पार्टी के अध्यक्ष रहे, यू एन ढेबर से लेकर ब्रह्मानंद रेड्डी तक। उन्होंने कहा कि अब भी इस मॉडल को अपनाया जा सकता है।
राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद उनके अगले कदम को लेकर लग रही अटकलों के बीच गुरुवार को उन्होंने कहा कि पार्टी फैसला ले कि उनके बाद इस पद को कौन संभालेगा और वह इस पद पर नहीं बने रहेंगे।