नौसेना अध्यक्ष ने खत्म की फूलों का गुलदस्ता देने की परंपरा, कहा- सभी को मिले एक जैसा खाना
एडमिरल करमबीर सिंह और सुनील लांबा (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti
नौसेना अध्यक्ष का पद संभालने के बाद एडमिरल करमबीर सिंह ने कई सराहनीय कदम उठाए हैं। उन्होंने सहायक संस्कृति पर लगाम लगाने, कुछ औपचारिक प्रथाओं को सीमित करने और विभिन्न रैंकों के बीच समानता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि आधिकारिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले सभी रैंक के नौसेना कर्मियों को एक जैसा भोजन, कटलरी, क्रॉकरी और पेय पदार्थ दिए जाएं। उन्होंने दौरे के दौरान वरिष्ठ अधिकारी या उनकी पत्नी को फूलों के गुलदस्ते न दिए जाएं। एडमिरल करमबीर सिंह ने नौसेना प्रमुख के लिए कई गाड़ियों के काफिले को तैयार रखने के प्रावधान को भी हटा दिया है।
उन्होंने कहा कि कनिष्ठ अधिकारियों को अनुशासित रहने और सम्मानपूर्वक व्यवहार करने न कि अधीन व्यवहार करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने मंगलवार को कहा कि एक आधुनिक युद्ध शक्ति के रूप में यह जरूरी है कि सामयिक और संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग की दिशा में समकालीन सामाजिक और औपचारिक प्रथाओं को आत्मसात किया जाए। सिंह ने 31 मई को एडमिरल सुनील लांबा के स्थान पर नौसेना अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। एडमिरल सिंह ने तत्काल प्रभाव से नौसेना अध्यक्ष के दौरे से पहले तैनात गाड़ियों के काफिले को खत्म कर दिया है।
उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वह दूसरों को संबोधित करते समय तीसरे शख्स का इस्तेमाल न करें। अधिकारियों और उनकी पत्नी को फूलों के गुलदस्ते न दिए जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि केवल सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान ही सज्जा की जाए। महिलाएं और बच्चे पदाधिकारियों को रीसिव नहीं करेंगे। उन्होंने कहा है कि महिलाएं तब तक अपनी सीट पर बैठी रहेंगी जब तक कि भारत के राष्ट्रपति या राज्यपाल ऑडिटोरियम या कार्यक्रमस्थल पर नहीं आते हैं। जलपान और भोजन सादा रहेगा तथा आडंबर के बगैर होगा।