सोनिया बनी रहेंगी संसदीय दल की नेता, राहुल बोले- आक्रामक रहें, 52 सांसद इंच-इंच की लड़ाई लड़ेंगे

इस बैठक से जुड़ी पल-पल की अपडेट:
-सांसदों को संबोधित करने के बाद राहुल गांधी संसद से रवाना हो गए।
-सोनिया गांधी फिर से संसदीय दल की नेता चुन ली गईं। वह पहले भी इस पद पर थीं और आगे भी बनी रहेंगी।
-संसदीय दल के सभी सदस्यों ने सोनिया को सर्वसम्मति से 'नेता' चुना।
-सोनिया ने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि राहुल दूरदर्शी नेता हैं। उन्होंने राहुल के नेतृत्व और आक्रामक तेवर की भी तारीफ की।
-बैठक में पार्टी के सभी 52 नव निर्वाचित लोकसभा सांसद शामिल होंगे।
-साथ ही इसमें कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य भी हिस्सा लेंगे।
-कांग्रेस सांसद निचले सदन के लिए अपने नेता का चुनाव कर सकते हैं।
विपक्ष का नेता बनने को 55 सांसद जरुरी
इस लोकसभा चुनाव में विपक्ष के तौर पर कोई बड़ी पार्टी उभर कर सामने नहीं आई है। भाजपा के 303 सांसदों के बरक्स कांग्रेस के पास महज 52 सांसद हैं। विपक्ष का नेता बनने के लिए पार्टी के पास कुल लोकसभा सीटों(543) में से कम से कम 10 फीसदी यानि कि 55 सीटें होनी चाहिए। कांग्रेस के पास तीन सांसद कम हैं, ऐसे में 'विपक्ष का नेता' बनने के लिए केवल कांग्रेस की जीती हुई सीटें काफी नहीं है। सीडब्ल्यूसी की मीटिंग के बाद पहली आधिकारिक बैठक
25 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति(सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद यह पहली आधिकारिक बैठक होगी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्षता वर्तमान में सोनिया गांधी कर रही हैं। आज होने वाली इस बैठक में आगामी सत्र के लिए अपनी रणनीति भी बनाएगी।
खारिज हो चुका है राहुल का इस्तीफा
मालूम हो कि 25 मई को हुई कार्यसमिति की बैठक के दौरान राहुल ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। कांग्रेस कार्यसमिति पहले ही उनके इस्तीफे की पेशकश खारिज कर चुकी है और सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर उन्हें पार्टी के हर स्तर पर ढांचागत बदलाव लाने के लिए अधिकृत किया गया है।
एनसीपी नेता शरद पवार से मिले थे राहुल
