त्रिपुरा के स्वास्थ्य मंत्री को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते मंत्रिमंडल से निकाला

23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा था कि राज्य में उन्हें कई षड्यंत्रों के बावजूद जीत मिली है। उन्होंने कहा था कि भाजपा के अंदर मौजूद शत्रुओं के षड्यंत्रों को विफल किया गया है। देब ने कहा था, 'हमारे अपने लोगों ने हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा। उनका नाम लेने की जरुरत नहीं है। उनके नाम अपने आप सामने आ जाएंगे। पार्टी ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।'
बर्मन जिन्हें अक्सर मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में देखा जाता है वह पांच बार के विधायक हैं और पूर्व में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं। कांग्रेस का नेतृत्व करने के बाद उन्होंने 2016 में पार्टी छोड़ दी थी और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद वह राज्य में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन की सरकार बनने से कुछ महीनों पहले भाजपा में शामिल हो गए थे।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि बर्मन का भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए महत्वपूर्ण था। 2017 में उन्होंने पांच अन्य विधायकों के साथ भाजपा का दामन थामा था। उनके कारण भाजपा को सत्ता पर काबिज होने में मदद मिली थी। लोकसभा चुनाव से एक दिन पहले बर्मन ने सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर को रंगे हाथ गर्भपात करते हुए पकड़ा था।