संसद में एक बार फिर तीन तलाक विधेयक लाएगी भाजपा सरकार : रविशंकर प्रसाद

बता दें कि राज्यसभा में पेश किया गया और लंबित विधेयक लोकसभा के भंग होने के साथ समाप्त नहीं होता। लेकिन, लोकसभा से पारित और राज्यसभा में लंबित विधेयक की मियाद समाप्त हो जाती है । विपक्ष राज्यसभा में विधेयक के प्रावधानों का विरोध कर रहा था, जहां पर सरकार के पास इसे पारित कराने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं थी ।
यह पूछे जाने पर कि क्या फौरी तीन तलाक पर विधेयक को फिर से लाया जाएगा, इस पर प्रसाद ने कहा, ‘बिल्कुल। फौरी तीन तलाक (का मुद्दा) हमारे (भाजपा) घोषणापत्र का हिस्सा है। क्यों नहीं?’समान नागरिक संहिता को लेकर एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर राजनीतिक विचार-विमर्श करेगी। वह इस मुद्दे पर विधि आयोग की रिपोर्ट पर भी गौर करेगी।
पिछले साल 31 मई को विधि आयोग ने इस मुद्दे पर संपूर्ण रिपोर्ट जारी करने की बजाए परामर्श पत्र में कहा था कि इस समय समान नागरिक संहिता की ‘न तो जरूरत है और न ही वांछित’ है। आयोग ने विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता तथा महिलाओं और पुरुषों की विवाह योग्य आयु से संबंधित कानूनों में बदलाव के सुझाव दिए थे।