12 अगस्त से 30 सितंबर कर आयोजित होगी जनगणना 2021 की पूर्व परीक्षा

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों के लिए जनगणना की संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर 2020 है, जबकि देश के बाकी हिस्सों के लिए यह तिथि 1 मार्च 2021 है। जनगणना अधिनियम, 1948 (1948 का 37) की धारा 17A द्वारा प्रदत्त शक्तियों के इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने भारत की जनगणना 2021 की पूर्व परीक्षा के आयोजन के लिए उक्त अधिनियम के प्रावधानों का विस्तार किया है।
इस बारे में जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक, 'सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह पूर्व परीक्षा 12 अगस्त 2019 से 30 सितंबर 2019 तक आयोजित की जाएगी।' भारत में जनगणना के 140 सालों के इतिहास में पहली बार यह डाटा जमा करने के लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया गया है। गिनती करने वालों को अपना खुद का फोन इस्तेमाल करने के लिए उत्साहित किया जाएघा।
एक अधिकारी के मुताबिक जनगणना 2021 दुनिया का सबसे बड़ा गणना अभ्यास होगा। कुल 33 लाख प्रगणकों (गिनती करने वाले) को डाटा एकत्र करने के लिए जुटाया जाएगा। ये प्रगणक घर-घर जाकर गिनती करते हैं। इसके लिए अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।
केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा ने कहा था कि जनगणना केवल लोगों को गिनने का अभ्यास नहीं है, बल्कि यह मासाजिक-आर्थिक डाटा उपलब्ध कराती है, जो देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह सूचनात्मक नीतियों के निर्माण और संसाधनों के आवंटन के लिए विश्वनीय आधार उपलब्ध कराता है।