व्यक्तिगत जानकारी 20 साल बाद सार्वजनिक करने पर फैसला लेगा केंद्रीय सूचना आयोग
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) यह तय करेगा कि क्या सरकारी अधिकारियों की निजी जानकारी 20 साल बाद सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दी जा सकती है। दरअसल, 2006 मुंबई ट्रेन बम धमाकों में दोषी एहतेशाम कुतुबुद्दीन सिद्दीकी की याचिका पर फैसले के लिए सीआईसी ने पूर्ण पीठ का गठन किया है।
सिद्दीकी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आरटीआई आवेदन खारिज करने के बाद आयोग का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने यूपीएससी फॉर्म्स की एक प्रति और 12 आईपीएस अधिकारियों का रिकॉर्ड मांगा था, जिसे मंत्रालय ने निजता प्रावधान का उल्लंघन बताते हुए देने से इनकार कर दिया।
बम धमाकों में खुद को गलत तरीके से फंसाने का दावा करने वाले सिद्दीकी का कहना है कि उन्होंने 20 साल पहले रिकॉर्ड मांगे थे। 2018 में उन्होंने इस आवेदन को आरटीआई के तहत दिया था।