इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 65 फीसदी की कमी आई : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। - फोटो : bharat rajneeti
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले वर्ष शुरू किए गए संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान के कारण जेई (जापानी इंसेफेलाइटिस) एईएस (एक्यूट इन्सेफेलाइटिस) से पीड़ित मरीजों में 35 प्रतिशत और इससे होने वाली मौतों में 65 फीसदी की कमी आई है। इस बीमारी से मरने वालों में गरीब होते हैं। इसलिए पिछली सरकारें उन पर ध्यान नहीं देती थीं। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद इन बीमारियों से बचाव संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री ने ये बातें सोमवार को लोकभवन सभागार में संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान-2019 के दूसरे चरण के शुभारंभ के मौके पर कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1978 से दिमागी बुखार जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) ने पूर्वी यूपी के अलग-अलग जिलों में पैर पसारने शुरू किए थे। उन्होंने 21-22 सालों से इस बीमारी के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक में आवाज उठाई है।
2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद शुरू हुआ स्वच्छ भारत अभियान संचारी रोगों के बचाव में कारगर साबित हुआ है। पहले एक-एक बेड पर तीन-चार बच्चे भर्ती होते थे। तब सिर्फ गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ही इलाज की सुविधा थी, पर अब ऐसा नहीं है। अब मरीज को उसके पास की पीएचसी-सीएचसी और जिला अस्पताल में इलाज मिल रहा है।
योगी ने गोरखपुर व बस्ती मंडल के 104 ईटीसी के डॉक्टरों को टैबलेट दिए, 12 दस्तक योद्धाओं को सम्मानित किया और जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
सभी जिलों में चलेगा अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि 38 जिले इंसेफेलाइटिस से प्रभावित हैं, इनमें 18 जिलों में इसका प्रकोप ज्यादा था। इसलिए पहले चरण में सिर्फ 18 जिलों में अभियान चलाया गया था। इस बार पूरे प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। दस्तक अभियान में पहले सात जिले शामिल थे, इस बार इसमें 11 नए जिले शामिल किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ 12 विभाग, यूनीसेफ, डब्लूएचओ और पाथ संस्था की मदद कारगर साबित हुई है।