
इस मामले की सुनवाई लखनऊ में ट्रायल कोर्ट के सीबीआई जज एसके यादव कर रहे हैं। वह 30 सितंबर, 2019 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पहले उन्होंने शीर्ष अदालत को पत्र लिखकर कहा था कि बाबरी मामले में मुकदमे की सुनवाई को पूरा करने के लिए और समय चाहिए। जिसमें भाजपा नेता भी शामिल हैं।
उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में लखनऊ ट्रायल कोर्ट के विशेष सीबीआई जज एसके यादव के कार्यकाल को बढ़ाने का निर्देश दिया है। यादव बाबरी विध्वंस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और सूर्य कांत की पीठ ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई में सबूतों की रिकार्डिंग छह महीने में पूरी कर ली जाए।
1992 में बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहा दिया गया था। जिसमें आडवाणी, जोशी, उमा भारती सहित भाजपा नेता शामिल थे। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह चार हफ्तों के अंदर विशेष जज के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए उचित आदेश पास करे। विशेष जज 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
न्यायालय ने कहा कि बढ़े हुए कार्यकाल के दौरान जज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के प्रशासनिक नियंत्रण में रहेंगे। शीर्ष अदालत ने 19 अप्रैल, 2017 को इस मामले में आडवाणी, जोशी, उमा भारती के साथ ही भाजपा के पूर्व सांसद विनय कटियार और साध्वी ऋतंबरा पर भी आपराधिक साजिश के आरोप बहाल किए थे।
तीन अन्य हाई प्रोफाइल आरोपियों में गिरीराज किशोर और विश्व हिंदू परिषद् के नेता अशोक सिंघल और विष्णु हरि डालमिया हैं। दोनों की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है इसलिए उनके खिलाफ कार्यवाही को खत्म कर दिया गया है।