
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वाराणसी जोन के एडीजी पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में रिपोर्ट सौपेंगे। सरकार 10 दिन में सारे चेहरे को बेनकाब करेगी। सरकार इसकी विस्तृत जांच करवा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस क्षेत्राधिकारी घोरावल, उप जिला अधिकारी (एसडीएम) घोरावल, घोरावल पुलिस थाने के इंस्पेक्टर, हलके के दारोगा और बीट कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यअमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोनभद्र की घटना दुर्भाग्येपूर्ण है। 1955 से 1989 तक यह जमीन आदर्श सोसायटी के नाम पर थी। 1989 में इस जमीन को एक व्यक्ति के नाम पर चढ़ा दिया। आदर्श सोसायटी के नाम जमीन रहने पर भी यहां आदिवासी खेती करते थे और कुछ लगान सोसायटी को देते थे। जिन लोगों ने इस जमीन को अपने नाम किया था, वे इस जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 1989 में इसे दूसरे को बेच दिया। वनवासी इस जमीन पर खेती करते रहे। इस पूरे प्रकरण की तह में जाएं तो 1955 में कांग्रेस की सरकार के दौरान स्था नीय लोगों की जमीन को हड़पने के लिए ग्राम समाज की जमीन को आदर्श सोसायटी के नाम पर दिया गया। इस जमीन को बाद में 1989 में बिहार के एक आईएएस के नाम पर कर दिया जो गलत था। उस समय भी कांग्रेस की सरकार थी।
सीएम योगी ने बताया कि बिहार के अधिकारी ने कब्जाथ नहीं कर पाने पर इस जमीन को वर्ष 2017 ग्राम प्रधान को बेच दिया। इस मामले कई मुकदमे चलते रहे। उन्होंषने कहा कि इस पूरे प्रकरण में 1955, 1989 और 2017 में हुई हर एक घटना की जांच जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकरण से जुड़े राजस्व अभिलेखों की जांच के लिए शासन द्वारा अपर मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस समिति में प्रमुख सचिव श्रम तथा विन्ध्याचल मंडल मीरजापुर के आयुक्त को सदस्य नामित किया गया है।
यह समिति राजस्व अभिलेखों की गहनता से जांच करेगी। सहायक अभिलेख अधिकारी, ओबरा, सोनभद्र के द्वारा किए गए नामांतरण आदेश के संदर्भ में उनके खिलाफ त्रिस्तरीय कमेटी विशेष रूप से जांच करेगी। मृतक आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है, जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि उन्होंने खुद डीजीपी को निर्देश दिया कि वो व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करें। सीएम योगी ने कहा कि पीड़ित पक्ष इस जमीन पर खेती कर रहा था और आरोपी प्रधान को कुछ पैसा भी दे रहा था, लेकिन इस मामले में प्रधान द्वारा वाद दायर करने के बाद पीड़ित परिवार ने पैसा देना बंद कर दिया था।
उन्होंने बताया कि इस मामले मे कुल 29 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं जिसमें आरोपी ग्राम प्रधान और उसका भाई को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके साथ ही 1 लाइसेंसी एसबीबीएल, एक रायफल तथा 3 डीबीबीएल गन और घटना में प्रयुक्त 6 ट्रैक्टर को भी बरामद किए जा चुके हैं।