दिल्ली कैबिनेट ने 22 वाणिज्यिक और 18 स्थायी फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की दी मंजूरी - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शनिवार, 27 जुलाई 2019

दिल्ली कैबिनेट ने 22 वाणिज्यिक और 18 स्थायी फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की दी मंजूरी

दिल्ली कैबिनेट ने 22 वाणिज्यिक और 18 स्थायी फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की दी मंजूरी

फाइल फोटो
फाइल फोटो : bharat rajneeti
शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली कैबिनेट की बैठक में राजधानी में  22 वाणिज्यिक कोर्ट और 18 स्थायी फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के कानून विभाग के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। इसके लिए जजों की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है।
वाणिज्यिक कोर्ट के लिए कानून विभाग का प्रस्ताव था कि दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा से 22 जिला जजों की भर्ती होनी है। इनके लिए 212 अधीनस्थ स्टाफ की भी जरूरत है। इससे दिल्ली सरकार पर हर साल 13.55 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च पड़ेगा। 

इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते जनवरी में जिला जज स्तर के 22 पदों का सृजन करने की सूचना दिल्ली सरकार को दी थी। इनकी भर्ती दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा से होगी। वाणिज्यिक अदालत कानून-2015 के तहत बनने वाली ये अदालतें वाणिज्यिक विवादों को निपटाएंगी।

दूसरी तरफ, कानून विभाग ने फास्ट ट्रैक कोर्ट की 90 फीसदी अस्थायी नियुक्तियों को स्थायी करने का प्रस्ताव तैयार किया था। इसमें 18 अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के पद दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा से भरे जाने हैं। 

वहीं, 86 पद अधीनस्थ स्टाफ के थे। नए पदों के भरने पर दिल्ली सरकार को सालाना 8.88 करोड़ से ज्यादा का खर्च करना पड़ेगा। दिल्ली कैबिनेट ने कानून विभाग के दोनों प्रस्तावों को मंजूर कर लिया है।

वित्त आयोग से नहीं मिला फंड
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि 11वें वित्त आयोग ने संविधान की धारा 275 के तहत देशभर में 1734 अदालतें गठित करने के लिए 502 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इसमें दिल्ली में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं था। 

हालांकि, दिल्ली सरकार ने इस मसले को केंद्रीय कानून मंत्रालय के सामने उठाया था। उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2003-04 में गैरयोजनागत अनुदान के तौर पर फंड जारी किया था। इससे 20 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनानी थीं।

12वें वित्त अयोग ने भी फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए कोई फंड दिल्ली को आबंटित नहीं किया। ऐसी हालत में फास्ट ट्रैक कोर्ट के 20 जजों व 95 अधीनस्थ स्टाफ की अस्थायी तौर पर नियुक्ति की गई थी।

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