मॉल-मल्टीप्लेक्स नहीं वसूल सकते कार पार्किंग शुल्क, हाईकोर्ट का अहम फैसला
Car parking: bharat rajneeti
गुजरात हाईकोर्ट ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि मॉल, मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि को अपने यहां आए ग्राहकों को बिना पैसे लिए कार पार्किंग सुविधा देनी होगी। हाईकोर्ट ने यह निर्णय विभिन्न मॉल मालिकों द्वारा एकल जज के एक निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर दिया। कार्यवाहक चीफ जस्टिस अनंत दवे और जस्टिस बीरेन वैष्णव ने यह निर्णय गुजरात भवन एवं शहर नियोजन कानून के प्रावधान के तहत दिया।
इन कानून के अनुसार भवन स्वामी को अपने यहां आए ग्राहक को पार्किंग की जगह देना अनिवार्य है। इससे पहले गुजरात के ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने मॉल मालिकों को निर्देश दिए थे कि वे नागरिकों से पार्किंग शुल्क वसूलना बंद करें क्योंकि कानूनी प्रावधान के तहत वे ऐसा नहीं कर सकते। इसके खिलाफ मॉल मलिकों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। उनकी याचिका पर जस्टिस बेला त्रिवेदी ने अक्तूबर 2018 में अपने आदेश में कहा था कि मॉल में पार्किंग निशुल्क देने का नियम नहीं है।
हालांकि
उन्होंने यह भी कहा था कि मॉल मालिक मनमर्जी से पार्किंग शुल्क तय नहीं कर सकते। उन्होंने सरकार को शुल्क नीति बनाने के निर्देश दिए थे। कई मॉल मालिकों ने एकल जज के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की पीठ में अपील की थी। ताजा आदेश में हाईकोर्ट ने एकल जज के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि निश्चित रूप से मॉल में निशुल्क पार्किंग देने का नियम भवन नियोजन कानून में है।
इसके लिए पैसा नहीं लिया जा सकता। उनके द्वारा पार्किंग फीस वसूली को कारोबार के अधिकार के तहत नहीं रखा जा सकता। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस अधिकारी अपना आदेश लागू करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।