प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के बेहद करीबी के यहां छापे मारे हैं। जिसके बाद माल्या को मुखौटा कंपनियों के जरिये अवैध धन भेजने का खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि ईडी ने पिछले सप्ताह पहली बार भगोड़े आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून के तहत बंगलूरू के वी शशिकांत और उनके परिवार के यहां छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक, शशिकांत माल्या का बेहद करीबी माना जाता है।
शशिकांत फरवरी, 2017 तक माल्या समूह में कर्मचारी था और नौ साल तक माल्या का कार्यकारी सहायक रहा। इसके अलावा वह युनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग लिमिटेड में प्रबंध निदेशक भी रहा है। ईडी को छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेजों के साथ ई-मेल और व्हाट्सएप संदेश मिले हैं, जिससे यह पता चला है कि शशिकांत लगातार माल्या के संपर्क में था। जांच में पता चला है कि शशिकांत ने युनाइटेड ब्रांडिंग वर्ल्डवाइड नामक कंपनी बनाई, जिसमें उसकी पत्नी जयंती और बेटी अर्चिता साझेदार थे।
इस कंपनी ने किंगफिशर बीयर और जूते आयात करने को युनाइटेड ब्रेवरीज का अधिग्रहण किया और सालाना आयात टर्न ओवर 220 करोड़ रुपये बताया। ईडी ने पाया कि कंपनी ने 60 फीसदी आयात दुबई की कंपनी टैमी इंटरनेशनल को किया, जिसके सबसे ज्यादा शेयर शशिकांत की बेटी के पास हैं। संदेह है कि इस कंपनी के कारोबार से मिली राशि को मुखौटा कंपनियों के माध्यम से माल्या को भेजा जाता था।
माल्या इस पैसे को अपने मौजूदा खर्च और 20 से 25 कर्मचारियों को देने को करता था। ईडी को छापों के दौरान गोल्ड रीफ इनवेस्टमेंट्स लि. और मैकड्वेल होल्डिंगस लि. जैसी फर्जी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज मिले जो माल्या से संबंधित थे।