Rajneeti News: इस वजह से टला चंद्रयान-2 मिशन, 11 साल की मेहनत को थोड़ा झटका पर कमी ढूंढ लेना बड़ा कदम
Chandra yaan 2 - फोटो : bharat rajneeti
चांद पर उतरने का सपना, करीब 11 साल की मेहनत, 960 करोड़ रुपए का खर्च और वैज्ञानिकों की महत्वाकांक्षा वाले देश के अहम मिशन चंद्रयान-2 पर कुछ दिनों के लिए ब्रेक लग गया। सोमवार अहले सुबह 2:51 बजे चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होना था, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से इसे फिलहाल के लिए टाल दिया गया।
चंद्रयान-2 श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए उड़ान भरने वाला था। भारत ने 3,84,400 किलोमीटर (2,40,000 मील) की यात्रा के लिए 'चंद्रयान-2' को तैयार करने में 960 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
लॉन्चिंग से करीब 56 मिनट 24 सेकेंड मिनट पहले इसरो ने मीडिया सेंटर और विजिटर गैलरी में इस मिशन की लाइव स्क्रीनिंग रोक दी गई। तकनीकी खामी देखते हुए चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग प्रक्रिया रोक दी गई। इस रुकावट से इसरो के वैज्ञानिकों की 11 साल की मेहनत को एक छोटा सा झटका लगा है। हालांकि कमी दूर करते हुए कुछ दिन बाद मिशन लॉन्च किया जाएगा।
इसरो के वैज्ञानिकों का ध्यान फिलहाल यह पता लगाने की ओर है कि लॉन्चिंग से पहले यह तकनीकी कमी कहां से आई। लॉन्चिंग टालने के बाद इसरो प्रवक्ता बीआर गुरुप्रसाद ने बताया कि जीएसएलवी-एमके 3 लॉन्च व्हीकल यानी कि जिस रॉकेट से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जना था, उसमें ही खराबी आने की वजह से लॉन्चिंग रोक दी गई। उन्होंने बताया कि लॉन्चिंग की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी।
बड़ी घटना हो सकती थी पर वैज्ञानिकों ने बरती सावधानी
विशेषज्ञों की मानें तो लॉन्चिंग से महज घंटे भर पहले तकनीकी खामी ढूंढ लेना बड़ी बात है। इसरो वैज्ञानिकों द्वारा अंतिम क्षणों में यह तकनीकी कमी खोज लेना बेहद बड़ा कदम है। अगर इस कमी के साथ रॉकेट छूटता तो बड़ा हादसा हो सकता था। विशेषज्ञों का कहना था कि वैज्ञानिकों ने गलती खोज ली, यह उनका महारत है। इसरो के वैज्ञानिकों ने जल्द ही कमी दूर कर लॉन्चिंग की नई तारीख घोषित करने की बात कही है।