पूर्व पीएम 'भारतरत्न' अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि आज, पढ़िए उनके 10 बेबाक बोल - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

पूर्व पीएम 'भारतरत्न' अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि आज, पढ़िए उनके 10 बेबाक बोल

पूर्व पीएम 'भारतरत्न' अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि आज, पढ़िए उनके 10 बेबाक बोल

भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti

खास बातें

  • पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि आज
  • राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
  • 'सदैव अटल' के नाम से जाना जाता है अटलजी का स्मारक
  • 16 अगस्त 2018 को अटलजी का निधन हुआ था
अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसा राजनेता रहे हैं जो अपनी पार्टी के साथ ही सभी दलों के प्रिय नेता रहे हैं। भारत के राजनीतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण व्यक्तित्व शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है। उनके भाषण के सभी कायल रहे हैं। जब वो सदन में बोलते थे तो हर कोई उन्हें सुनना चाहता था।
ऐसा ही सदन में दिया उनका भाषण अमर हो गया। वो भाषण था 31 मई 1996 का। जब अटल जी प्रधानमंत्री थे और उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था तो उन्होंने खुद सदन में पार्टी के संख्या बल कम होने की बात कही थी और राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपा था। 

इस दौरान उन्होंने जो भाषण दिया वह आज भी राजनीति के सर्वश्रेष्ठ भाषणों में से एक गिना जाता है। इसके साथ ही अटल जी ने जो बातें विपक्षी दलों, पत्रकारों आदि के बारे में कही हैं उनसे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। पढ़ें उनकी वो सभी बातें।

-लोग उनके बारे में क्या विचार रखते हैं उस बारे में उन्होंने संसद के पटल से कहा था, 'कई बार यह सुनने में आता है कि वाजपेयी तो अच्छा लेकिन पार्टी खराब....अच्छा तो इस अच्छे बाजपेयी का आप क्या करने का इरादा रखते हैं?'

-अपने इस्तीफे पर उन्होंने कहा था, 'आज प्रधानमंत्री हूं, थोड़ी देर बाद नहीं रहूंगा, प्रधानमंत्री बनते समय कोई मेरा हृदय आनंद से उछलने लगा ऐसा नहीं हुआ, और ऐसा नहीं है कि सब कुछ छोड़छाड़ के जब चला जाऊंगा तो मुझे कोई दुख होगा....'

ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा

अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल)
अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल) : bharat rajneeti
-अपने राजनीतिक सिद्धांतों पर वह बोले थे, 'मैं 40 साल से इस सदन का सदस्य हूं, सदस्यों ने मेरा व्यवहार देखा, मेरा आचरण देखा, लेकिन पार्टी तोड़कर सत्ता के लिए नया गठबंधन करके अगर सत्ता हाथ में आती है तो मैं ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा।'

-पार्टी के संघर्ष के बारे में उन्होंने कहा था, 'हमारे प्रयासों के पीछे 40 सालों की साधना है, यह कोई आकस्मिक जनादेश नहीं है, कोई चमत्कार नहीं हुआ है, हमने मेहनत की है, हम लोगों के बीच गए हैं, हमने संघर्ष किया है, यह पार्टी 365 दिन चलने वाली पार्टी है। यह कोई चुनाव में कुकरमुत्ते की तरह खड़ी होने वाली पार्टी नहीं है।'

-राजनीतिक पारदर्शिता के बारे में वो बोले थे, 'राजनीति में जो कुछ हो पारदर्शी हो, दल अगर साथ आते हैं, तो कार्यक्रम के आधार पर आए हिस्सा बांट के आधार पर नहीं....बैंकों में लाखों रुपये जमा किए जाएं इसके लेकर नहीं।'

आडवाणी जी पर किया था ये मजाक

Atal-Adwani-Balasaheb
Atal-Adwani-Balasaheb - फोटो : bharat rajneeti
अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से करने वाले वाजपेयी का पत्रकारों को लेकर बहुत सरल व्यवहार रहा। उन्होंने एक बार पत्रकारों से कहा था-
'मैं पत्रकार होना चाहता था, बन गया प्रधानमंत्री, आजकल पत्रकार मेरी हालत खराब कर रहे हैं, 
मैं बुरा नहीं मानता हूं, क्योंकि मैं पहले यह कर चुका हूं....'

आडवाणी और अटल जी का रिश्ता बहुत ही गहरा रहा है। इन दोनों का नाम हमेशा साथ में लिया जाता था। एक बार आडवाणी को लेकर मजाकिया लहजे में अटल ने कहा था-
'भारत और पाकिस्तान को साथ-साथ लाने का एक तरीका यह हो सकता है कि दोनों देशों में सिंधी बोलने वाले प्रधानमंत्री हो जाएं, जो मेरी इच्छा थी वह पाकिस्तान में तो पूरी हो गई है लेकिन भारत में यह सपना पूरा होना अभी बाकी है।'

पार्टियां बनें या बिगड़ें लेकिन देश नहीं बिगड़ना चाहिए

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी। - फोटो : bharat rajneeti
वाजपेयी जी का मानना था कि पार्टियां बनें या बिगड़ें लेकिन देश नहीं बिगड़ना चाहिए। देश में स्वस्थ्य लोकतंत्र की व्यवस्था रहनी चाहिए-
जब जब कभी आवश्यकता पड़ी, संकटों के निराकण में हमने उस समय की सरकार की मदद की है, उस समय के प्रधानमंत्री नरसिंह राव जी ने मुझे विरोधी दल के रूप में जिनेवा भेजा था। पाकिस्तानी मुझे देखकर चकित रह गए थे? वो सोच रहे थे ये कहां से आ गया? क्योंकि उनके यहां विरोधी दल का नेता राष्ट्रीय कार्य में सहयोग देने के लिए तैयार नहीं होता। वह हर जगह अपनी सरकार को गिराने के काम में लगा रहता है, यह हमारी प्रकृति नहीं है, यह हमारी परंपरा नहीं है। मैं चाहता हूं यह परंपरा बनी रहे, यह प्रकृति बनी रहे, सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगा-बिगड़ेंगी पर यह देश रहना चाहिए...इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए....

जब रेखा के बारे में कही थी ये बात

Atal Bihari Vajpayee
Atal Bihari Vajpayee : bharat rajneeti
बात 1984 की है, उस वक्त लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद संसदीय सीट से अमिताभ बच्चन ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवंती नंदन बहुगुणा को हराया था।

वाजपेयी ने इस चुनाव के बारे में एक इंटरव्यू में ये खुलासा किया था कि अगर उस चुनाव में वो दिल्ली से खड़े होते तो उनके कांग्रेस उनके खिलाफ अमिताभ बच्चन को उतार देती।

लेकिन तब वो अमिताभ की प्रसिद्धि का मुकाबला नहीं कर पाते इसलिए वह खुद न खड़े होकर रेखा को बिग बी के खिलाफ चुनाव में उतारते।

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