सीएम चाहे जितना बढ़-चढ़कर दावे करें, पर सरकार व सेवाएं रामभरोसे : अखिलेश यादव
अखिलेश यादव। - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- पटरी से उतरी प्रशासन की गाड़ी सीएम का अंकुश नहीं : अखिलेश
- रामभरोसे चल रही सरकार और सरकारी सेवाएं, कानून-व्यवस्था बदतर
- एटा में एपीओ की हत्या व अन्य घटनाओं का उल्लेख कर सरकार को घेरा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में प्रशासन की गाड़ी पटरी से उतर गई है। मुख्यमंत्री चाहे जितने बढ़-चढ़कर दावे करें, अधिकारियों पर उनका अंकुश नहीं दिखाई देता है। कानून व्यवस्था बदतर है। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। इन सबकी किसी को फिक्र नहीं है। पूरी सरकार और सरकारी सेवाएं रामभरोसे चल रही है।
अखिलेश ने बुधवार को बयान में कहा कि एटा में महिला थाना के स्टाफ क्वार्टर में रहने वाली सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) नूतन यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गई। लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील में समाधान दिवस पर न्याय की गुहार लगाती महिला अंतत: डीएम के सामने आत्मदाह की कोशिश करने लगी। हुसैनगंज लखनऊ के बरफखाना मुहल्ले में भी एक महिला की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। अपराधी पुलिस की नाक के नीचे से फरार हो जा रहे हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा, स्वास्थ्य सेवाओं का हाल तो और भी बुरा है। भाजपा की राज्य सरकार कितनी संवेदनहीन है, यह इसी से जाहिर है कि लखनऊ में पीजीआई के समान भत्तों की मांग पर लोहिया संस्थान के डॉक्टरों को हड़ताल पर जाना पड़ा।
इलाज के लिए आए मरीज तड़पते रहे। केजीएमयू में लॉरी कार्डियोलॉजी में दिल के मरीज तड़प कर मरते रहे। वहां एक विवाद के बाद तालाबंदी कर दी गई थी। इससे पूर्व भी अस्पतालों में हड़ताल के कारण मरीज मुसीबत में फंस चुके है। सत्ता के मद में भाजपा के मंत्रियों की भी संवेदनाएं मर गई हैं।