‘दीदी के बोलो’ कार्यक्रम में लोगों के सवालों से छूट रहे हैं तृणमूल नेताओं के पसीने

खास बातें
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ओर से तय रणनीति के तहत पार्टी के एक हजार नेता अगले सौ दिनों के दौरान 10 हजार गांवों का दौरा कर लोगों के साथ समय बिताएंगे और उनका दुख-दर्द सुनेंगे। लेकिन इस कवायद से तृणमूल नेताओं के पसीने छूट रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस अभियान से कुछ लोग तो खुश हैं। लेकिन कई लोग कटमनी, स्थानीय नेताओं के अक्खड़ रवैये, दुर्व्यवहार और उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर सवाल पूछ कर मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। इन सवालों का जवाब देने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।