उत्तराखंड हाईकोर्ट के अवमानना नोटिस के बाद केंद्र ने आईएफएस अधिकारी को दिया मुआवजा

खास बातें
नैनीताल स्थित कैट की शाखा ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद केंद्र ने कैट की दिल्ली स्थित मुख्य शाखा में इसे चुनौती दी। कैट चेयरमैन ने नैनीताल की दो सदस्यीय शाखा के सामने इस मामले पर कार्यवाही छह हफ्ते के लिए रोक दी और संजीव को नोटिस जारी किया।
भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी ने पिछले साल कैट चेयरमैन के आदेश को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने चेयरमैन के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही अपने आदेश में केंद्र और एम्स पर 25000 रुपये का जुर्माना लगाया।
इस फैसले को केंद्र व एम्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने न केवल हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा बल्कि उन पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया और इसे सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति में जमा करने का निर्देश दिया।
जुर्माने की राशि संजीव को नहीं मिलने पर इस साल जून में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान और एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया।
जवाब में केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांगी। साथ ही बताया कि संजीव चतुर्वेदी के नाम पर 25000 का बैंक ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है। 2011 में हरियाणा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने भी राज्य सूचना आयोग के आदेश पर संजीव को 10,000 रुपये का मुआवजा दिया था।