केंद्रीय नेतृत्व का रुख तय करेगा भाजपा-अपना दल का भावी रिश्ता

खास बातें
दूसरी ओर लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार कई झटके खा चुका अपना दल इस सीट को किसी कीमत पर छोडने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी चाहती है कि भाजपा नेतृत्व जल्द से जल्द इस पर निर्णय ले कर स्थिति साफ करे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा ने अपना दल को केंद्रीय मंत्रिमंडल से दूर रखते हुए अनुप्रिया पटेल को मंत्री नहीं बनाया। इसके बाद योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में भी उनके पति आशीष पटेल को जगह नहीं दी गई। उनका नाम अंतिम समय में सूची से हटाया गया। बताते हैं कि लंबी माथापच्ची के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य इकाई के विस्तार में अपना दल को जगह नहीं देने का प्रस्ताव स्वीकार किया।
अपना दल के सूत्रों का कहना है कि अगर समझौते केलिए उसे प्रतापगढ़ सदर की सीट नहीं मिली तो इसका सियासी संदेश बेहद खराब जाएगा। ऐसी स्थिति में पार्टी केलिए अपना बचाव करना मुश्किल होगा। पार्टी में केंद्र और राज्य मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से बेचैनी है। इसके अलावा भाजपा जिस प्रकार राज्य में कुर्मी बिरादरी के नेताओं को महत्वपूर्ण पद दे रही है, उससे भी पार्टी में चिंता है। अगर यह सीट उसे नहीं मिली तो पार्टी विचार विमर्श कर कोई निर्णय लेगी।