प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने को केंद्र सरकार ने युद्धस्तर पर शुरू किया काम, जनांदोलन बनाने की तैयारी
say no to plastic bags - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- मंत्रालय का मानना है कि दैनिक इस्तेमाल वाला प्लास्टिक बहुत कम बार रिसाइकल हो पाता है
- आंदोलन का उद्देश्य गांधी जयंती से पहले सिंगल यूज प्लास्टिक का न्यूनतम इस्तेमाल किया जाना
- केंद्र सरकार के इस प्रयास का कई प्रमुख विपक्षी नेताओं ने भी दिल खोलकर स्वागत किया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने के एलान के बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस दिशा में युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। मंत्रालय की सबसे बड़ी चिंता शीतल पेय और मिनरल वाटर की बोतल, दूध की थैलियां और चिप्स जैसी चीजों की पैकिंग में प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने की है।
मंत्रालय का मानना है कि दैनिक इस्तेमाल वाला प्लास्टिक बहुत कम बार रिसाइकल हो पाता है। लोगों में स्वयं ऐसे प्लास्टिक को इस्तेमाल न करने की इच्छा होगी तभी निर्माता कंपनियां वैकल्पिक पैकेजिंग पर विचार करेंगी। जागरूक करने के लिए मंत्रालय व्यापक स्तर पर अभियान चलाएगा। राज्य सरकारों से लेकर नगर निगमों के स्तर तक स्थानीय शासन की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी और स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी।
सरकार की योजना जन आंदोलन शुरू करने की है जिसमें लोगों को प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा। इस आंदोलन का उद्देश्य गांधी जयंती से पहले सिंगल यूज प्लास्टिक का न्यूनतम इस्तेमाल किया जाना होगा। इस कदम के सफल होने के बाद सरकार प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने पर विचार करेगी। उसे उम्मीद है कि तब तक लोग प्लास्टिक का विकल्प ढूंढ लेंगे।
पहले से ही लागू है प्रतिबंध
मंत्रालय का काम कुछ राज्य सरकारों ने पहले ही आसान कर दिया है। सिक्किम देश का पहला राज्य था जिसने 1998 में प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दिया। कुछ समय बाद उसने प्लास्टिक की बोतल भी बेचना बंद कर दिया। तीन साल पहले हिमाचल प्रदेश ने भी प्लास्टिक की थैलियों के इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया।
पिछले साल महाराष्ट्र सरकार ने भी पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। हालांकि दो महीने पहले उसने प्लास्टिक की बोतलों को कंपनियों द्वारा वापस खरीदने यानी बाई बैक की योजना के साथ बेचने का विकल्प खोल दिया।
विपक्ष का भी समर्थन
सरकार के इस प्रयास का कई प्रमुख विपक्षी नेताओं ने भी दिल खोलकर स्वागत किया है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने उम्मीद जताई है कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के कदम का लोग स्वागत करेंगे और इसे एक आंदोलन भी बनाएंगे।