प्रियंका हो सकती हैं यूपी में सीएम पद की प्रत्याशी, कांग्रेस की अभी से मैदान में उतरने की तैयारी
प्रियंका गांधी - फोटो : bharat rajneeti
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को जल्द ही यूपी की मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है। हालांकि, विधानसभा चुनाव अभी दूर है, लेकिन कांग्रेस ने अभी से बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति बनाई है।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस को सवर्ण और मुस्लिम मतदाताओं के बीच खुद को भाजपा के विकल्प के तौर पर प्रस्तुत करना चाहिए। देर-सवेर सवर्ण भी भाजपा से असंतुष्ट होकर कांग्रेस में आएंगे। इसलिए पार्टी नेतृत्व ने प्रियंका को यूपी में सक्रियता बढ़ाने के लिए कहा है। यही वजह है कि सोनभद्र का नरसंहार हो या फिर उन्नाव का रेपकांड, प्रियंका संघर्ष का कोई भी बड़ा मुद्दा नहीं छोड़ रही हैं।
लोकसभा में प्रतिनिधित्व के लिहाज से कांग्रेस यूपी में करीब-करीब साफ है। सिर्फ रायबरेली की सीट ही उसके पास है, जहां से अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस काफी कमजोर स्थिति में रही। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि यूपी में कांग्रेस को अपने दम पर खड़े किए बिना केंद्र की सत्ता पाना मुमकिन नहीं है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अब यूपी में किसी भी चुनाव में सपा या बसपा से कोई समझौता नहीं करेगी। उसका प्रयास रहेगा कि ये दोनों दल यूपी में शून्य पर पहुंचें, ताकि आम मतदाता भाजपा के विकल्प के तौर पर कांग्रेस को देखने लगे।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी ढाई साल हैं, पर कांग्रेस ने अभी से बूथ स्तर पर जाकर काम करने की रणनीति बनाई है। यह भी फैसला किया गया है कि पहले से ही चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए। ये दोनों जिम्मेदारियां प्रियंका को ही सौंपी जाएंगी। हाईकमान का मानना है कि इससे जहां पुराने कांग्रेसियों की गुटबंदी खत्म होगी, वहीं भाजपा विरोधी मतदाताओं में आशा की एक किरण भी जगेगी।
ये दोनों अहम जिम्मेदारियां दिए जाने की घोषणा से पहले प्रियंका से कहा गया है कि वे यूपी में अपनी सक्रियता बढ़ाएं। हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रतिक्रिया दें। जरूरत पड़ने पर मैदान में उतरकर संघर्ष से भी पीछे नहीं हटें। चाहे फिर गिरफ्तारी ही क्यों न देनी पड़े।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने के आग्रह के साथ बताया कि प्रियंका को आगे लाकर ही प्रदेश के कांग्रेसियों में घर कर गई निराशा को दूर किया जा सकता है। वर्तमान में नेतृत्व पूरी तरह प्रियंका के हाथों में ही है, बस इसकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है।