पूर्व आईएएस शाह फैसल की हिरासत को राज्य सरकार ने सही ठहराया, तीन सितंबर को अगली सुनवाई

उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार ने फैसल को कोई छात्र वीजा नहीं दिया था। कोई आईएएस अधिकारी इस्तीफा देकर राजनीतिक पार्टी बनाए और अनुच्छेद 370 हटने पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता रहे, यह बात हजम नहीं होती।
जस्टिस मनमोहन व जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ फैसल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर तीन सितंबर को सुनवाई करेगी। फैसल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका जा रहे थे। उन्हें जिस तरीके से बिना ट्रांजिट रिमांड के कश्मीर लाया गया वह अपहरण की श्रेणी में आता है।