स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाले शौचालयों के क्षेत्र सत्यापन की नहीं होगी जरूरत
हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय मंत्री : bharat rajneeti
खास बातें
- मोबाइल एप करेगा लाभार्थियों की राह आसान
- एप पर अपलोड तस्वीरों से संतुष्ट होने पर जारी हो जाएगी लाभार्थियों को रकम
- जनवरी-फरवरी में देश के सबसे स्वच्छ शहरी निकाय की रैंकिग जारी की जाएगी
केंद्रीय आवास व शहरी कार्य मंत्रालय की योजनाओं के लाभार्थियों को सत्यापन के लिए अब अधिकारियों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। खासकर ऐसी योजनाओं के लिए, जिसमें कार्य की प्रगति के हिसाब से किश्तों में आर्थिक मदद जारी होती है। इसके लिए मंत्रालय ने एक मोबाइल एप विकसित किया है। इस पर तस्वीरें अपलोड करने से कार्य की प्रगति की अधिकारी अपने दफ्तर में बैठकर आकलन कर लेंगे। प्रगति संतोषजनक होने पर रकम जारी कर दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एम-एसबीएम नाम से एनआईसी की तरफ से विकसित मोबाइल एप मंगलवार को लांच किया। इसके बादे में मंत्रालय सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के लिए आर्थिक मदद किश्तों में जारी होती है। अभी तक पहली किश्त निर्माण शुरू होने पर मिल जाती है। बाकी के लिए काम पूरा होने का क्षेत्र सत्यापन अधिकारी करते हैं। प्रक्रिया को पूरा करने में कई बार देरी हो जाती है।दुर्गा शंकर मिश्र के मुताबिक, इस एप से अब क्षेत्र सत्यापन की जरूरत नहीं पड़ेगी। शौचालय तैयार होने के बाद लाभार्थी इसकी तस्वीरें मोबाइल एप पर अपलोड कर देगा। इसके बाद अधिकारी अपने दफ्तर से ही इसका सत्यापन कर लेगा। फिर, लाभार्थियों को रकम जारी कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहेगी। कोई शिकायत होने पर लाभार्थी एप के माध्यम से उसे भी दर्ज करा सकेगा। यही नहीं, इसके जरिए अपने आवेदनों का रीयल टाइम स्टेटस भी लाभार्थी देख सकेगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 लां
केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 लांच किया। पांचवे संस्करण में देश के सभी शहरी नर्कायों की साफ-सफाई को परखा जाएगा। अगले साल जनवरी-फरवरी में देश के सबसे स्वच्छ शहरी निकाय की रैंकिग जारी की जाएगी।
इस मौके पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस बार के सर्वेक्षण में नियमित तौर पर साल भर शहरों की स्वच्छता को रिकार्ड किया जा रहा है। इसके आधार पर रैंकिग दी जाएगी। जबकि इससे पहले के चार संस्करणों में निश्चित दिनों के भीतर किसी स्वतंत्र निकाय से सर्वे कराया जाता था। कार्यक्रम में स्वच्छ सर्वे का थीम साग भी लांच किया गया।
मंत्री ने किया स्वच्छ नगर एप लांच
केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छ नगर मोबाइल एप भी लांच किया। इसके तहत स्थानीय निवासी न सिर्फ डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाले वाहनों का रूट देख सकेंगे, बल्कि जरूरत होने पर वह अपने घर का कूडां उठवाने के लिए वाहन बुला सकेंगे। इसके अलावा शहर की साफ-सफाई की हालत पर भी आम लोगों की नजर रहेगी। इसके जरिए वह तस्वीरें अपलोड कर अपनी शिकायत भी दर्ज करा सेकेंगे।
इस बार वाटर प्लस प्रोटोकाल भी सर्वेक्षण में शामिल
स्वच्छता सर्वेक्षण की रैकिंग में पहली बार वाटर प्रोटोकाल का शामिल किया गया है। इसके तहत यह आकलन किया जाएगा कि शहरी निकायों से निकलने वाले गंदे पानी को शोधित कर उसका दुबारा इस्तेमाल किस स्तर पर किया जा रहा है। मंत्रालय अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ पानी बचाने के अभियान को देखते हुए इस प्रोटोकाल को स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल किया जा रहा है।