आज काशी आएंगे सीएम योगी आदित्यनाथ, बाढ़ प्रभावित इलाकों का करेंगे दौरा
पूर्वांचल में गंगा का लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। वाराणसी सहित आसपास के जिलों के गांवों में गंगा का पानी घुस गया है। इससे उनका संपर्क टूट गया है। वहीं बाढ़ के हालातों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार नजर बनाए हुए हैं। इसी स्थिति को देखते हुए सीएम योगी आज वाराणसी में बाढ़ का जायजा लेने पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को पहले प्रयागराज आएंगे। प्रयागराज में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के दोपहर बाद वह बनारस आएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री लंका स्थित सामने घाट, सरैया, कोनिया सहित अन्य इलाकों का निरीक्षण करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले 17 सितंबर को बलिया जिले का दौरा किया था। जहां उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को बाढ़ पीढ़ितों को हर संभव मदद करने का आदेश दिया था।
इसके साथ ही उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इस दैवी आपदा की घड़ी में सरकार आपके साथ खड़ी है। आपको किसी भी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। यह आपसे उत्तर प्रदेश सरकार का वादा है। 12 घंटे के अंदर सभी पीड़ितों को जितना नुकसान हुआ है, मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इस दैवी आपदा की घड़ी में सरकार आपके साथ खड़ी है। आपको किसी भी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। यह आपसे उत्तर प्रदेश सरकार का वादा है। 12 घंटे के अंदर सभी पीड़ितों को जितना नुकसान हुआ है, मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।
वाराणसी में गुरुवार को गंगा का जलस्तर 71.46 मीटर था। यहां, खतरे के निशान 71.26 मीटर को पार कर लिया है। 30 से अधिक गांव डूबे हैं। वरुणा पार इलाके के लोग पलायन करने को मजबूर हैं।
वाराणसी में वर्ष 2016 के बाद यह पहला मौका है, जब गंगा ने वाराणसी में खतरा बिंदु को पार कर लिया है। इससे पहले 2013 को वाराणसी में गंगा ने खतरे का निशान पार किया था। जलस्तर एक घंटा प्रति सेमी बढ़ रहा है। इस लिहाज से गंगा इस समय खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर हैं। अगर अगले चौबीस घंटों तक यह गति जारी रही तो कई अन्य कालोनियों में भी गंगा का पानी भर जाएगा और स्थिति काफी भयावह हो जाएगी। गंगा खतरे के निशान को पार करके बह रही है। 1978 की बाढ़ में अधिकतम जलस्तर 73.901 मीटर रहा था।
वाराणसी में वर्ष 2016 के बाद यह पहला मौका है, जब गंगा ने वाराणसी में खतरा बिंदु को पार कर लिया है। इससे पहले 2013 को वाराणसी में गंगा ने खतरे का निशान पार किया था। जलस्तर एक घंटा प्रति सेमी बढ़ रहा है। इस लिहाज से गंगा इस समय खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर हैं। अगर अगले चौबीस घंटों तक यह गति जारी रही तो कई अन्य कालोनियों में भी गंगा का पानी भर जाएगा और स्थिति काफी भयावह हो जाएगी। गंगा खतरे के निशान को पार करके बह रही है। 1978 की बाढ़ में अधिकतम जलस्तर 73.901 मीटर रहा था।