गाजियाबाद पुलिस की लापरवाही की खुली पोल, बाइक मालिक को भेज दिया कार का चलान
चालान काटने में बरती जा रही लापरवाही का मामला इस बार जेवर में सामने आया है। यहां रहने वाले व्यक्ति को गाजियाबाद पुलिस ने बाइक के नंबर पर कार की फोटो लगा चालान भेजा है। परिवार के लोग परेशान हैं कि चालान का क्यों करें? रामनेर, जेवर निवासी किसान अशोक कुमार पुत्र उदयवीर सिंह गांव में ही खेती करते हैं। उनके पास खेत में काम करने के लिए एक ट्रैक्टर और कस्बे में आवाजाही करने के लिए एक बाइक है। बृहस्पतिवार को अशोक कुमार के घर डाकिया, यातायात विभाग गाजियाबाद का एक पत्र लेकर पहुंचा। अशोक ने पत्र खोलकर देखा तो पता चला कि उन्हें गाजियाबाद पुलिस ने चालान भेजा है।
जिसमें अशोक की बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 16 बीई 9038 दर्ज है और उसके साथ एक कार की फोटो लगी है। विवरण में लिखा है कि तीन अगस्त को गाजियाबाद के डासना में आपने वाहन को खतरनाक तरीके से पब्लिक प्लेस में पार्क करते हुए यातायात नियमों का उल्लंघन किया है। पत्र प्राप्ति के 15 दिनों में 500 रुपये जुर्माना ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा कराने की बात भी लिखी है।
अशोक ने बताया कि न तो उनके पास कार है और न ही कभी वह डासना गए हैं। ऐसे में यातायात पुलिस का चालान समझ से परे हैं। परिवार के लोग भी परेशान हैं कि इस चालान से कैसे निपटा जाए?
पुलिस क्षेत्राधिकारी जेवर, शरदचन्द शर्मा ने बताया कि तकनीकि खामियों से ऐसी दिक्कतें आ सकती हैं। अगर किसी के सामने ऐसी परेशानी है तो साक्ष्य पेश कर चालान को संबंधित कार्यालय से निरस्त कराया जा सकता है। इसमें परेशान होने वाली बात नहीं है।
जिसमें अशोक की बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 16 बीई 9038 दर्ज है और उसके साथ एक कार की फोटो लगी है। विवरण में लिखा है कि तीन अगस्त को गाजियाबाद के डासना में आपने वाहन को खतरनाक तरीके से पब्लिक प्लेस में पार्क करते हुए यातायात नियमों का उल्लंघन किया है। पत्र प्राप्ति के 15 दिनों में 500 रुपये जुर्माना ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा कराने की बात भी लिखी है।
अशोक ने बताया कि न तो उनके पास कार है और न ही कभी वह डासना गए हैं। ऐसे में यातायात पुलिस का चालान समझ से परे हैं। परिवार के लोग भी परेशान हैं कि इस चालान से कैसे निपटा जाए?
पुलिस क्षेत्राधिकारी जेवर, शरदचन्द शर्मा ने बताया कि तकनीकि खामियों से ऐसी दिक्कतें आ सकती हैं। अगर किसी के सामने ऐसी परेशानी है तो साक्ष्य पेश कर चालान को संबंधित कार्यालय से निरस्त कराया जा सकता है। इसमें परेशान होने वाली बात नहीं है।