अयोध्या विवाद पर मुस्लिम पक्ष की दलील, कहा- 1992 में मस्जिद गिराने का मकसद हकीकत मिटाना था - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शनिवार, 21 सितंबर 2019

अयोध्या विवाद पर मुस्लिम पक्ष की दलील, कहा- 1992 में मस्जिद गिराने का मकसद हकीकत मिटाना था

अयोध्या विवाद पर मुस्लिम पक्ष की दलील, कहा- 1992 में मस्जिद गिराने का मकसद हकीकत मिटाना था

अयोध्या मामला
अयोध्या मामला - फोटो : bharat rajneeti

खास बातें

  • अयोध्या मामले पर 28वें दिन सवा घंटे ही हो सकी सुनवाई 
  • दावा: ‘बाबरनामा’ के अनुवाद में कहा गया है कि बाबर ने अयोध्या में मस्जिद बनाने का आदेश दिया था
  • मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने तीन शिलालेखों का भी दिया हवाला
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष ने कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद गिराने का मकसद हकीकत को मिटाकर वहां मंदिर निर्माण करना था। मुस्लिम पक्षकारों ने दावा किया, ‘बाबरनामा’ के अनुवाद में कहा गया है कि बाबर ने अयोध्या में मस्जिद बनाने का आदेश दिया था। शुक्रवार को सुनवाई करीब सवा घंटे चली। अगली सुनवाई सोमवार को होगी। शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के सक्षम 28वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा, बाबरनामा के अनुवाद वाली किताबों में दर्ज है कि बाबर ने मस्जिद बनवाई। हिंदू पक्षकार अपनी सुविधा अनुसार गजेटियर का हवाला दे रहे हैं। गजेटियर अलग-अलग वक्त पर अलग नजरिये से जारी हुए। लिहाजा सीधे नहीं कहा जा सकता कि बाबर ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई।

शिलालेखों को कैसे नकार सकते हैं
धवन ने तीन शिलालेखों का हवाला देते हुए कहा, इनमें लिखा गया था कि बाबर के कमांडर मीर बाकी ने मस्जिद बनाई। इन शिलालेखों पर हिंदू पक्षकारों को आपत्ति है। जब हिंदू पक्ष यात्रा वृतांत और गजेटियर की बात करते हैं तो वे इसे कैसे नकार सकते हैं। हाईकोर्ट ने इन शिलालेखों को नकार दिया, जो सही नहीं है।

मुस्लिम पक्ष के एक और वकील जफरयाब जिलानी का यह कहना बिल्कुल सही है कि 1855 से पहले किसी दावे को स्वीकार नहीं किया जा सकता। जस्टिस एसए बोबडे ने सवाल किया कि मस्जिद में संस्कृत में लिखे शिलालेख भी हैं। इस पर धवन ने कहा, मस्जिद, हिंदू और मुस्लिम मजदूरों ने मिलकर बनाई थी। संभव है कि काम खत्म होने के बाद मजदूर यादगार के तौर पर कुछ लिखकर जाते हों।

भगवान विष्णु स्वयंभू हैं : धवन
धवन ने कहा, 1985 में राम जन्मभूमि न्यास बनाया गया। इसके बाद वाद दाखिल किया गया। वर्ष 1989 से विश्व हिंदू परिषद शिला लेकर पूरे देश में घूमने लगी। देश में माहौल बनाकर 1992 में मस्जिद ढहा दी गई। मस्जिद गिराने का मकसद हकीकत को खत्म करना और मंदिर बनाना था। उन्होंने कहा, राम जन्मभूमि को न्यायिक व्यक्ति मानने के पीछे मकसद यह है कि भूमि को कहीं और शिफ्ट न किया जाए और कोर्ट में दावा सही साबित किया जा सके।

धवन ने कहा कि भगवान विष्णु स्वयंभू हैं और इसके सुबूत हैं। यहां भगवान राम के स्वयंभू होने की दलील पेश की जा रही है। दलील दी जा रही है कि भगवान राम सपने में आए थे और बताया कि उनका सही जन्मस्थान कहां पर है। धवन ने कहा कि क्या इस पर विश्वास किया जा सकता है।

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