मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र में भारी बारिश का अलर्ट, देश में 19 प्रतिशत अधिक हुई बरसात
मध्य प्रदेश में मॉनसून पूरे शबाब पर है। मौसम विभाग ने 32 जिलों में अलर्ट जारी किया है, जबकि प्रदेश का बड़ा इलाका पहले से ही बाढ़ की चपेट में है। राजधानी भोपाल, सीहोर, मंडला, नरसिंहपुर और जबलपुर सहित 11 जिलों में स्कूलों और आंगनबाड़ियों में छुटटी की गई। इन शहरों की कई निचली बस्तियां पानी में डूबी हैं। पुलों-पुलियों पर कई फीट पानी बह रहा है। कई गांवों और शहरों का सड़क संपर्क टूट गया है। हरदा जिले में सुकनी नदी का पानी जिला जेल में 3-4 फीट भर गया है। 300-500 लोगों को शिविरों में शिफ्ट किया गया है। होशंगाबाद में दो दिनों से मूसलधार बारिश हो रही है। जिले के कई स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। धार जिले में नर्मदा के किनारे बसे गांवों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
इंदौर और आसपास हो रही बारिश से शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। उज्जैन में नदी किनारे बने कई मंदिर जलमग्न हैं। खंडवा- मोरटक्का पुल और जबलपुर-नरसिंहपुर स्टेट हाईवे बंद कर दिया गया है। सिवनी में उफन रही वेनगंगा नदी का पुल पार करते समय दो लोग बह गए।
महाराष्ट्र और आंध्र में भी अलर्ट
महाराष्ट्र में सांगली जिले में कृष्णा और वरुणा नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। नासिक में गोदावरी नदी के किनारे रहने वालों को सतर्क रहने को कहा गया है। आंध्र प्रदेश प्रशासन गोदावरी नदी पर बने चार बांधों में पानी के बढ़े स्तर को देखकर प्रथम श्रेणी की बाढ़ आने की चेतावनी जारी कर चुका है।
देश में औसत से अधिक बरसात
निजी मौसम एजेंसी स्काई मेट के अनुसार एक जून से आठ सितंबर के बीच सामान्य बारिश 764.5 मिमी होती है जबकि इस साल यह 782 मिमी पर पहुंच गई है। मध्य भारत में 19 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।